युवा देश का भविष्य और अध्यापक देश निर्माता, दोनों ही नशा दूर करने के लिए निभा सकते हैं अहम भूमिका : मुख्य न्यायधीश

  • मादक पदार्थों की लत को दूर करने के लिए एकजुट होकर करें प्रयास : मुख्य न्यायधीश
मादक पदार्थों की लत को दूर करने के लिए एकजुट होकर करें प्रयास : मुख्य न्यायधीश

मादक पदार्थों की लत को दूर करने के लिए एकजुट होकर करें प्रयास : मुख्य न्यायधीश

शिमला: मादक पदार्थों के सेवन की लत को दूर करने के लिए विद्यार्थियों, अध्यापकों, युवाओं और सभी को एकजुट होकर मिशन के रूप में कार्य करना चाहिए, ताकि इस बुराई को समाज में जड़ से दूर किया जा सके। यह बात आज हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति मंसूर अहमद मीर ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में उच्च न्यायालय सभागार में आयोजित युवाओं में मादक पदार्थों के सेवन की लत विषय पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ करने के उपरांत अपने संबोधन में कही।

मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति मंसूर अहमद मीर ने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं और अध्यापक देश के निर्माता, यह दोनों ही समाज से नशा सेवन की बुराई को दूर करने के लिए सबसे अहम भूमिका निभा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि नशा सेवन से कई तरह की बीमारियां होती हैं और इसका समाज पर बहुत ही विपरीत प्रभाव पड़ता है, इसलिए मादक पदार्थों व नशाखोरी के खिलाफ अधिक से अधिक जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए। उन्होंने अधिवक्ताओं से भी इस तरह के कार्यक्रमों में सक्रियता से हिस्सा लेने की अपील की।

उन्होंने कहा कि संसार में शराब और मादक पदार्थों का दुरूपयोग एक बहुत बड़ी समस्या है। बच्चों और किशोरों में सामान्य जनसंख्या की अपेक्षा मादक पदार्थों के दुरपयोग के मामले अधिक सामने आते हैं। ऐसी स्थिति में जागरूकता अभियान सबसे अहम भूमिका निभा सकते हैं। मादक पदार्थों में दुरूपयोग से समाज में कई तरह के विपरीत प्रभाव पड़ते हैं और इनका उपयोग करने वाले इन्सान को अन्य बीमारियों से ग्रसित होने की संभावना भी बहुत अधिक बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा कि परिवार, समाज व स्वास्थ्य देखभाल के माध्यम से नशाखोरी व मादक पदार्थों के दुरूपयोग को रोकने में बहुत मदद मिल सकती है। उन्होंने इस आयोजन के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को बधाई दी।

उच्च न्यायालय के न्यायधीश व हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष संजय करोल ने कहा कि समाज, माता-पिता और अभिभावकों सभी का यह कर्तव्य है कि नशे व मादक पदार्थों के दुरूपयोग को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं, क्योंकि इससे समाज और देश के विकास में विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे पूर्व, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वीरेंद्र सिंह ने मुख्यतिथि का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के 520 छात्रों, फ्लेम कल्चरल और वैलफेयर सोसायटी तथा सिविल सोसायटी के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।

 

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