आपदा में मानवता की मिसाल बने प्रशासन व जनता के सद्प्रयास; स्थानीय प्रशासन ने जन सहयोग से 7 हजार यात्रियों को उपलब्ध करवाई भोजन सुविधा, 650 को दिया आश्रय

मण्डी: मंडी जिला में लगातार हो रही भारी बारिश एवं भूस्खलन के कारण चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंडी से कुल्लू के मध्य बार-बार सड़क बाधित हो रही है। ऐसे में प्राकृतिक आपदा के कारण इस मार्ग पर फंसे लोगों को सुविधा प्रदान करने में स्थानीय प्रशासन व जनता के सद्प्रयास मानवता की मिसाल बने हैं।

इस फोरलेन मार्ग पर जिला व स्थानीय प्रशासन की ओर से लगातार अनेक स्थानों पर यातायात बहाली के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करवाया जा रहा है, ताकि छोटे व बड़े वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की जा सके। सुरक्षा कारणों से भारी बारिश एवं रात्रि समय में अचानक भूस्खलन या पत्थर गिरने के खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों का आवागमन रोक दिया जाता है। ऐसे में रास्ते में फंसे वाहन चालकों, पर्यटकों एवं अन्य यात्रियों की सुविधा का भी पूरा ध्यान स्थानीय प्रशासन की ओर से रखा जा रहा है। उनके लिए जलपान से लेकर निःशुल्क भोजन व ठहरने की व्यवस्था भी की गई है।

बालीचौकी उपमंडल के तहत छह स्थानों पर राहत शिविर इस सड़क मार्ग के समीप स्थापित किए गए। इनमें तहसील कार्यालय औट के समीप लघु बचत भवन व थलौट में प्रातःकाल नाश्ते के अलावा दोपहर व रात्रि भोजन की सुविधा प्रदान की जा रही है। हणोगी में सुरंग संख्या 11 के समीप स्वास्थ्य सुविधा के साथ राहत शिविर स्थापित किया गया है। राधा स्वामी सत्संग भवन नगवाईं में आश्रय एवं भोजन की सुविधा प्रदान की गई। स्थानीय स्तर पर गैर सरकारी संगठनों व व्यापार मंडलों के माध्यम से भी लोगों को खाने इत्यादि की सुविधा प्रदान की गई। समाज सेवी संस्थाओं की ओर से भी आश्रय प्रदान किया जा रहा है।

स्थानीय प्रशासन द्वारा गत बुधवार तक इन राहत शिविरों एवं अन्य स्थलों पर लगभग सात हजार लोगों को तीन समय का भोजन व अन्य खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई जा चुकी है। इसके अतिरिक्त फोरलेन बंद होने से विभिन्न स्थानों पर फंसे लगभग 650 लोगों को ठहरने की सुविधा भी प्रदान की गई है।

एसडीएम बालीचौकी देवीराम ने बताया कि विषम परिस्थितियों में इस फोरलेन मार्ग को यातायात के लिए सुचारू रखने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। भूस्खलन इत्यादि की स्थिति एवं सुरक्षा कारणों से सड़क मार्ग बंद होने पर यहां फंसे लोगों के ठहरने, भोजन व प्राथमिक स्वास्थ्य जांच इत्यादि की भी समुचित व्यवस्था की गई है। इसमें जनसहयोग भी प्राप्त हो रहा है, जिसके लिए उन्होंने सभी का आभार जताया है।

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