सतत और टिकाऊ विकास से जुड़े व्यक्तियों का बीएसजी ने किया सम्मानित 14 श्रेणियों में 17 विजेताओं और 3 विशेष उल्लेखों को मिला सम्मान
सतत और टिकाऊ विकास से जुड़े व्यक्तियों का बीएसजी ने किया सम्मानित 14 श्रेणियों में 17 विजेताओं और 3 विशेष उल्लेखों को मिला सम्मान
जलवायु परिवर्तन से एक व्यक्ति की भूमिका नई दिल्ली: उत्तराखण्ड में बाढ़ और मुंबई में भीषण बारिश ने जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों को स्पष्ट रूप से दिखाया है। ऐसे समय में, भारत सोका गाक्काई (बी एस जी) जो शांति, संस्कृति, शिक्षा एवं स्थिरता के लिए समर्पित संगठन है, ने पहली बार बी एस जी उत्कृष्टता पुरस्कार शुरू किया है, जिसका उद्देश्य व्यक्तिगत रूप से बदलाव लाने वाले लोगों की प्रेरक शक्ति को सम्मानित करना है। पुरस्कार समारोह 3 सितंबर को नई दिल्ली के चिन्मय मिशन ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया, जिसमें 14 श्रेणियों में 17 विजेताओं और 3 विशेष उल्लेखों को सम्मानित किया गया। यह विजेता एक प्रतिष्ठित जूरी द्वारा 200 से अधिक नामंकनों में से चयनित किए गए थे। अमित चन्द्रा (सह-संस्थापक- ए.टी.इ. चन्द्रा फाउंडेशन और अध्यक्ष- वेन कैपिटल इंडिया एडवाइजर्स) पुरस्कार समारोह के मुख्य अतिथि थे। पुरस्कार जूरी के सदस्य थे: प्रो० विजयालक्ष्मी नंदा (मिरांडा हाउस की प्रधानाचार्य); गौरव शाह (सह-संस्थापक एवं निदेशक, इंडियन स्कूल ऑफ डेवलपमेंट मैनेजमेंट), डा० रूबी मखीजा (व्हाई वेस्ट वेडनेस डे फाउंडेशन की संस्थापक), रामवीर तनवर (से अर्थ एवं पौंडमैन एंटरप्राईजेज के संस्थापक); और विकास वर्मा (यू एन डी पी के उत्तर भारत क्षेत्रीय प्रमुख)। प्रो० अमित चन्द्रा ने कहा “मेरे लिए स्थिरता केवल संसाधनों के संरक्षण तक सीमित नहीं है बल्कि यह लोगों प्रकृति और संस्थानों के बीच संबंधों को पोषित करने का मामला है। समुदाय सक्रिय भूमिका निभाता है, तो हम एसी प्रणालियाँ बनाते हैं जो टिकाऊ होती हैं, जिनसे न केवल हमारा पर्यावरण,बल्कि हमारा सामूहिक भविष्य भी सुरक्षित रहता है।” बीएसजी के अध्यक्ष विशेष गुप्ता ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “बी० एस जी में, हमारा मानना है कि बदलाव की चिंगारी एक व्यक्ति से शुरू होती है। ये पुरस्कार स्थिरता के प्रति असाधारण प्रतिबद्धता रखने वाले लोगों को सम्मानित करते हैं। “स्थिरता इस विचार से उत्पन्न होती है कि हम आने वाली पीढ़ियों के ऋणी है और हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके लिए एक सुरक्षित पृथ्वी छोड़ें। यह केवल एक अच्छा कार्य करने की विचार नहीं है, बल्कि एक अनिवार्य कर्तव्य है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और न ही किया जाना चाहिए।” श्री गौरव शाह ने कहा। यह समारोह विश्व के नेताओं के संयक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (COP) में एकत्र होने से कुछ ही महीने पहले हो रहा है, जहाँ विश्व के नेता वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5°C तक सीमित करने के लक्ष्य की दिशा में होने वाली प्रगति का आकलन करेंगे ।जबकि विशेषज्ञ चेतावनियाँ दे रहे हैं कि हम अभी इस लक्ष्य से बहुत दूर हैं। विशेषज्ञ मानते है कि जलवायु कारवाई को तेज करने के लिए केवल सरकारों की ही नहीं, बल्कि आम लोगों और समुदायों की भी सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। “स्थिरता कोई विकल्प नहीं है, यह भविष्य के प्रति हमारी जिम्मेवारी है। एक हरित विश्व को शुरुवात नीतियों से नहीं, बल्कि हमारे रोजमर्रा के व्यवहार से होती है।“डा० रुबी मखीजा ने कहा। रामवीर तंवर ने कहा, “स्थिरता को अपनाना केवल एक विकल्प नहीं बल्कि हमारी जिम्मेदारी है; यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक समृद्ध और हरित पृथ्वी के बारे में है। हम सभी मिलकर चुनौतियों को अवसरों में बदल सकते हैं और एक आधीक टिकाऊ, स्वस्थ और हरित पर्यावरण का निर्माण कर सकते हैं।” “2021 से, ‘बीएसजी फॉर एसडीजी’ पहल के माध्यम से, जिसका आदर्श वाक्य है ‘2030 की ओर: सतत मानव व्यवहार के जरिए सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति,’ बीएसजी ने पूरे भारत में सतत और टिकाऊ विकास को बढ़ावा दिया है। जागरूकता अभियानों, प्रचार-प्रसार और युवा नेतृत्व वाली पहलों के ज़रिये, बीएसजी ने जनसाधारण को परिवर्तन के प्रेरक बनने के लिए सशक्त किया है और एक ऐसी दुनिया बनाने में मदद की है जहाँ कोई भी जीवन पीछे न रह जाए। समारोह का एक विशेष आकर्षण था ‘बीएसजी फॉर एसडीजी फिल्म’ का प्रदर्शन, जिसमें आशा और विपरीत परिस्थितियों का सामना करने की प्रेरणादायक कहानियाँ प्रस्तुत की गईं। इसके बाद सामूहिक क्रियान्वयन को प्रोत्साहित करने के लिए विचारों का खुला आदान-प्रदान हुआ। डॉ. जया राव ने अपने समापन भाषण में दृढ़ता से कहा कि यह समस्या मनुष्यों ने उत्पन्न की है, और इसे मनुष्यों द्वारा ही हल किया जा सकता है। साथ मिलकर, हम एक सतत भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।