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केंद्रीय मंत्री ने कालाअंब में 100 करोड़ की लागत से ESIC अस्पताल का किया उद्घाटन

शिमला: केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज हिमाचल प्रदेश के काला अंब में नवनिर्मित 30 बिस्तरों वाले कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) अस्पताल का उद्घाटन किया। 100 बिस्तरों तक अपग्रेड करने योग्य डिज़ाइन किया गया यह अस्पताल क्षेत्र में ईएसआई योजना के तहत गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में एक प्रमुख उपलब्धि है।

डॉ. मांडविया ने अस्पताल के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले निर्माण श्रमिकों को भी सम्मानित किया और श्रम की गरिमा को सम्मान देने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

कार्यक्रम में डॉ. मांडविया ने कहा, “यह अस्पताल सिर्फ़ एक दीवार से घिरा ढांचा नहीं है – यह एक मंदिर है जो हमारी श्रम शक्ति, हमारे राष्ट्र की ताकत का सम्मान करता है। इसी शक्ति ने हमारे राष्ट्र का निर्माण किया है, इस शक्ति को पहचानना और उसका उत्थान करना हमारे देश को आगे बढ़ाने के लिए ज़रूरी है।”

केन्‍द्रीय मंत्री ने घोषणा की कि सरकार ने 200 या उससे अधिक बिस्तरों वाले सभी ईएसआईसी अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, इन संस्थानों में 40 प्रतिशत सीटें बीमित व्यक्तियों के बच्चों के लिए आरक्षित होंगी, जिससे श्रमिकों के परिवारों के लिए अधिक से अधिक शैक्षिक अवसर सुनिश्चित होंगे।

डॉ. मांडविया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने वास्तव में भारत की श्रम शक्ति की पूजा और सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि ईएसआईसी लगातार अपनी शाखाओं का विस्तार कर रहा है और इस 30 बिस्तरों वाले अस्पताल का उद्घाटन उसी मिशन का हिस्सा है।

उन्होंने आश्वासन दिया कि ईएसआईसी अस्पताल सभी श्रमिकों के लिए हैं, चाहे दवा की कीमत ₹1 हो या ₹1 करोड़। उन्होंने कहा कि हर जीवन समान रूप से मूल्यवान है और गरीबों के इलाज में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी गरीबी को सबसे बेहतर तरीके से समझते हैं और यही कारण है कि आज हम गरीबों और हमारे श्रमिकों को दी जा रही सच्ची पहचान और सम्मान देख रहे हैं।

सभी के लिए सुलभ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के सरकार के संकल्प पर प्रकाश डालते हुए, केन्‍द्रीय मंत्री ने एक मार्मिक उदाहरण साझा किया: “जब एक गरीब बीमाकृत कर्मचारी के बेटे के लिए 2 करोड़ रुपये की जीवन रक्षक दवाओं की मंजूरी मांगने वाली फाइल हमारे सामने लाई गई, तो उसे बिना देरी के मंजूरी दे दी गई। गरीबी कभी भी जीवन रक्षक देखभाल में बाधा नहीं बननी चाहिए।” उन्होंने कहा कि लक्ष्य एक स्वस्थ नागरिक बनाना है, जो बदले में एक स्वस्थ समाज और अंततः एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करेगा।

उन्होंने अपने भाषण के अंत में कर्मचारियों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। डॉ. मांडविया ने वादा किया कि सभी भर्ती प्रक्रियाएं मिशन मोड में पूरी की जाएंगी और ईएसआईसी अस्पतालों में सभी रिक्तियां भरी जाएंगी ताकि हमारे कर्मचारियों को वह सभी देखभाल और सेवाएं मिल सकें जिसके वे हकदार हैं।

लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस आधुनिक अस्पताल से 1 लाख से अधिक लाभार्थियों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो सिरमौर और पड़ोसी जिलों के निवासियों की बेहतर बुनियादी ढांचे और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करेगा। अस्पताल में सामान्य चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, स्त्री रोग, हड्डी रोग, नेत्र रोग (नेत्र) और दंत चिकित्सा जैसे आवश्यक विभागों के साथ-साथ मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर, सीएसएसडी, मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम आदि जैसी विभिन्न सहायक सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। यह ईएसआई लाभार्थियों की चिकित्सा आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से पूरा करते हुए आउटपेशेंट (ओपीडी) और इनपेशेंट (आईपीडी) दोनों तरह की देखभाल प्रदान करेगा।

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