शिमला : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ठियोग के विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने मुख्यमंत्री,कृषि मंत्री व बागवानी मंत्री से आग्रह किया है कि हाल ही में प्रदेश में हुई बेमौसमी वर्षा व ओलावृष्टि से हुए नकदी फसलों व फलों के नुकसान का आंकलन करवा कर प्रभावित किसानों व बागवानों को नियमों के तहत मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में ओलावृष्टि से सेब की फसल पूरी तरह तबाह हो गई है,जबकि अन्य फसलों सब्जियों व गेंहू की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राजस्व विभाग को इस नुकसान का आंकलन करने के जल्द निर्देश दिए जाने चाहिए।
आज यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कुलदीप सिंह राठौर ने पिछले दो सालों में प्रदेश में प्राकृतिक आपदा में बढ़ोतरी पर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि इस पर अब वैज्ञानिक शोध की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बढ़ता ग्लोबल वार्मिंग इसकी एक मुख्य वजह हो सकती है। उन्होंने कहा कि बागवानी व कृषि के लिये दीर्घकालिक नीतियां बनाई जानी चाहिए जिससे इन्हें किसी भी प्राकृतिक आपदा के चलते आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकें।
राठौर ने कहा कि ऊपरी शिमला में कई जगह ओलावृष्टि रोकने के लिए एंटी हेलगन लगाई गई है। कुछ बागवांनो का मानना है कि इसका विपरीत प्रभाव दूसरी जगहों पर पड़ रहा है और ओलावृष्टि उनके क्षेत्र की ओर रुख कर रही है। उन्होंने कहा कि इस पर भी शोघ करने की जरूरत है कि इसकी बजह से दूसरे साथ लगते क्षेत्रों में ओलावृष्टि का रुख तो नही बदल रहा है,और अगर ऐसा नही है तो ठियोग क्षेत्र में भी एन्टी हेलगन लगाई जानी चाहिए।
कुलदीप राठौर ने कहा कि किसानो व बागवांनो पर ओलावृष्टि से दोहरी मार पड़ी है। एक तो उनकी आये पर विपरीत असर पड़ा है तो दूसरा जिन्होंने कृषि लोन ले रखे है वह उसे लौटाने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनके लोन की अदायगी व बयाज अगले साल तक स्थागित किये जाने चाहिए।
राठौर ने किसानों व बागवांनो को दी जाने वाली कीट नाशकों पर सब्सिडी देने की मांग भी की है।