शिमला: हिमाचल प्रदेश मंत्रिमण्डल की आज यहां आयोजित बैठक में जलापूर्ति एवं मल निकासी से सम्बन्धित सभी समेकित सेवाएं प्रदान करने के लिए नगर निगम शिमला के अन्तर्गत अधीक्षण अभियन्ता ( सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य) के अधीन अलग नाम से ‘ग्रेटर शिमला जलापूर्ति एवं मल निकासी’ (जीडब्ल्यूएस एंड एससी) वृत्त सृजित करने का निर्णय लिया गया।
- तकनीकी अनुश्रवण समूह मुख्य सचिव के अधीन होगा, जो इसके अध्यक्ष होंगे, जबकि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे और इसके 10 अन्य सदस्य भी होंगे। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने की।
- ‘ग्रेटर शिमला जलापूर्ति एवं मल निकासी प्रणाली’ में नगर निगम शिमला तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के जलापूर्ति एवं सीवरेज वृत्त शिमला के पास उपलब्ध अधोसरंचना का समावेश होगा। जीडब्ल्यूएस एंड एससी के अधीक्षण अभियन्ता (सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य) नगर निगम में उनके आवश्यक स्टाफ सहित सेकंडमेंट आधार पर कार्य करेंगे।
- वृत्त के दो मण्डल होंगे, जिनमें पहला जल उत्पादन एवं सीवरेज ट्रीटमेंट और जल वितरण एवं सीवरेज नेटवर्क शामिल हैं।
- नगर निगम का स्वास्थ्य अधिकारी जल की गुणवत्ता की अनुश्रवण एवं निगरानी प्रभारी होंगे तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा नगर निगम शिमला को हस्तांरित जल प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं को नियंत्रित करंेगे।
- इस सम्बन्ध में राज्य सरकार तथा नगर निगम शिमला के मध्य एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया जाएगा। विश्व बैंक चिन्हांकन मिशन ने हाल ही में जून, 2016 में अपने शिमला प्रवास के दौरान सहमति जताई थी कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम शिमला में स्थापित की जाने वाली ‘रिंग फेंसड ’डब्ल्यूएसएस सेवाओं के लिए नगर निगम और सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के बीच समझौता ज्ञापन/सेवा अनुबंध का प्रारूप तैयार करने के लिए इस क्षेत्र में विशेषज्ञों की सेवाएं लेेगा।
- मंत्रिमण्डल ने वर्ष 2016-17 के लिए बजट घोषणा के अनुरूप पंचायती राज संस्थानों के पदाधिकारियों एवं स्टाफ के मानदेय की दरों में वृद्धि करने को स्वीकृति प्रदान की। जिला परिषद और पंचायत समितियों के सदस्य क्रमशः 3500 रुपये व 3000 रुपये प्रति माह मानदेय प्राप्त करेंगे।
- मंत्रिमण्डल ने 10 वर्ष का नियमित सेवाकाल पूरा करने वाले 663 से अधिक तकनीकी सहायकों को दिहाड़ीदारों में परिवर्तित करने की स्वीकृति प्रदान की। अनुबंध आधार पर छः वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके पंचायत सहायकों का पदनाम पंचायत सचिव (अनुबंध आधार) करने को भी स्वीकृति दी गई। जिला परिषद कैडर के 31 मार्च, 2016 को पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले 165 अनुबंध पंचायत सचिवों की सेवाओं को नियमित करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
- मंत्रिमण्डल ने धर्मशाला में स्मार्ट सिटी मिशन के कार्यान्वयन के लिए विशेष उद्देश्य वाहन (एसपीवी) स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की। स्मार्ट सिटी मिशन के लिए एसपीवी के सृजन का मुख्य उद्देश्य निर्णय लेने एवं मिशन क्रियान्वयन में स्वतंत्र संचालन एवं स्वायतता सुनिश्चित करना है।
- एसपीवी परियोजनाओं का अनुमोदन एवं स्वीकृत करेगी तथा स्मार्ट सिटी प्रस्तावों को क्रियान्वित करेगी और संसाधनों का उचित इस्तेमाल करेगी। मुख्य नीति निर्णय लेने के लिए कांगड़ा के मण्डलायुक्त अथवा राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत किसी अन्य व्यक्ति की अध्यक्षता में एसपीवी की एक शासकीय निकाय होगी। इसमें महापौर, उप महापौर तथा अन्यों के अतिरिक्त भारत सरकार से एक नामित सदस्य भी होगा।
- कम्पनी अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत शहरी स्तर पर एसपीवी एक सीमित कम्पनी होगी, जिसमें राज्य तथा यूएलबी 50: 50 के अनुपात में इक्विटी शेयर सहित इसके संरक्षक होंगे।