विश्व जल दिवस: एसजेपीएनएल और सुएज़ ने शिमला के स्कूलों में करवाया क्विज कॉम्पिटिशन; अगले हफ्ते होगा पुरस्कार वितरण
विश्व जल दिवस: एसजेपीएनएल और सुएज़ ने शिमला के स्कूलों में करवाया क्विज कॉम्पिटिशन; अगले हफ्ते होगा पुरस्कार वितरण
क्विज में अव्वल आने वाले छात्रों को अगले हफ्ते किया जाएगा पुरस्कृत
एक हजार से ज्यादा बच्चों ने जाना जल संरक्षण का महत्व
शिमला: विश्व जल दिवस के अवसर पर एसजेपीएनएल और सुएज़ इंडिया ने शनिवार को राजधानी के तीन स्कूलों में क्विज कॉम्पिटिशन का आयोजन किया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना और उन्हें पानी की बचत के महत्व को समझाना था।
तीन स्कूलों के छात्रों ने लिया भाग
प्रतियोगिता में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छोटा शिमला, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मशोबरा और क्रिसेंट सीनियर सेकंडरी स्कूल टूटू के लगभग एक हजार से अधिक छात्रों ने भाग लिया। क्विज के दौरान छात्रों से जल संरक्षण, जल प्रबंधन और पानी की बर्बादी रोकने के उपायों से जुड़े सवाल पूछे गए।
बच्चों को दिया जल संरक्षण का संदेश
इस अवसर पर एसजेपीएनएल और सुएज़ इंडिया के अधिकारियों ने छात्रों को जल संरक्षण के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जल संसाधनों के सीमित होने और उनके सतत उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके साथ ही, शिमला में चल रही जल परियोजनाओं की भी विस्तृत जानकारी साझा की गई, जिससे बच्चों को जल प्रबंधन की वास्तविक स्थिति को समझने का मौका मिला।
अगले हफ्ते होगा पुरस्कार वितरण
आयोजकों के अनुसार, प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को अगले हफ्ते विशेष कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा। इससे छात्रों को न केवल प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि वे जल संरक्षण के प्रति और अधिक प्रेरित होंगे।
इस आयोजन के माध्यम से बच्चों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें जल संसाधनों के सतत उपयोग के प्रति जिम्मेदार बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
नियमित रूप से होंगी ऐसी प्रतियोगिताएं
एसजेपीएनएल और सुएज़ इंडिया की योजना है कि इस तरह की गतिविधियों को शिमला के स्कूलों में नियमित रूप से आयोजित किया जाए। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों में जल संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करना और शहर में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना है।
एसजेपीएनल और सुएज़ इंडिया का मानना है कि इस तरह की पहल से आने वाली पीढ़ी जल बचाने के प्रति और अधिक जागरूक होगी, जिससे शिमला की जल समस्या को दूर करने में मदद मिलेगी।