योग क्रियाएं प्रकृति से संबंधित हैं, प्रकृति से जुड़ा कोई भी प्राणी रोग ग्रस्त नहीं हो सकता
शिमला : राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर आज प्रातः राजभवन, शिमला में बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति में योग सत्र का शुभारम्भ किया। इस मौके पर, राज्यपाल ने कहा कि निरोग व स्वस्थ जीवन जीने के लिए ऋषियों की विद्या को जीवन का अंग बनाएं और योग को जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लें, जिससे हमारा जीवन निरोग व सुखमय बनें। उन्होंने कहा कि योग हमारी प्राचीन परम्पराओं का हिस्सा रहा है और मौजूदा परिस्थितियों में नकारात्मक परिणाम को दूर रखने के लिए योग को जीवन में अपनाना आवश्यक है।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि योग क्रियाएं प्रकृति से संबंधित हैं और प्रकृति से जुड़ा कोई भी प्राणी रोग ग्रस्त नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि प्रकृति से दूर रहकर मानव ने रोगों को स्वयं सहेजा है। उन्होंने लोगों से ‘प्राकृतिक आहार’ को अपनाने पर बल दिया। योग प्रशिक्षक उर्मिल सिंह ने विभिन्नि आसन व योग मुद्राओं की जानकारी दी और प्रशिक्षण करवाया। इस अवसर पर जगत वर्मा ने भजन गायन किया। रोटरी क्लब के अध्यक्ष महाशय कपिल सूद ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। राज्यपाल के सचिव पुष्पेन्द्र राजपूत, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.डी.एन. बाजपेयी, रोटरी क्लब के पदाधिकारी एवं सदस्य, पत्रकार, राजभवन कर्मी तथा शहर के अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने योग सत्र में भाग लिया।