शिमला: नरेन्द्र मोदी सरकार के सुशासन के दो शानदार साल पूरा होने के कगार पर, आज सांसद हमीरपुर और अध्यक्ष भाजयुमो अनुराग ठाकुर, ने हिमाचल प्रदेश में विकास कार्यों को आगे बढ़ाने में सरकार के योगदान की सराहना की। मीडिया में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से, अनुराग ठाकुर ने केन्द्र सरकार की उपलब्धियों और यहां के निवासियों की जिंदगी पर उनके प्रभाव का विशेष रूप से जिक्र किया। दूसरी ओर, उन्होंने आम आदमी का कल्याण सुनिश्चित करने की दिशा में कांग्रेस के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की कमियों पर भी रोशनी डाली।
केन्द्र सरकार की पहलों का ब्यौरा साझा करते हुए, अनुराग ठाकुर ने कहा, “प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के संरक्षण और अथाह नेतृत्व में, हमारा राष्ट्र एक विश्व राहनुमा बनने की दिशा में अग्रसर है। मोदी जी के सुधारात्मक उपायों और दूरदर्शी स्वप्न के साथ, पिछले दो साल में विश्व मानचित्र पर भारत का सकारात्मक रूप से विशेष उल्लेख किया गया है। इसी तरह, हिमाचल प्रदेश को भी विकासात्मक परियोनजाओं और राज्य को आबंटित निधियों से अत्यंत लाभ हुआ है। अगर कुछ-एक पहलों का उल्लेख किया जाए तो संपर्क व्यवस्था में बढ़ाने के लिए 17 राष्ट्रीय राजमार्गों की हाल ही में स्वीकृति, पुलों के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट, चिकित्सा कालेजों की स्थापना के लिए 600 करोड़ रुपये, रेल नेटवर्क के विस्तार के लिए 450 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। उससे भी महत्त्वपूर्ण यह है कि केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दी गई है जो संप्रग की सत्ताकाल में 32 प्रतिशत थी। 13वें वित्त आयोग में, हिमाचल को निधियों में 50ः की बढ़ोतरी मिली थी जबकि 14वें वित्त आयोग में राज्य को 250ः की बढ़ोतरी दी गई है। यह अगले पांच साल में राज्य के लिए 75ए000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान बनेगा जिससे राज्य की अर्थवस्था को भारी बढ़ावा मिलेगा। यह पहलें रालोग सरकार की मंशाओं और उनके प्रगतिशील विधि को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं।
“उसी समय, कांग्रेस की राहनुमाई वाली हिमाचल सरकार राज्य के लोगों की आजीविका सुनिश्चित करने में बुरी तरह विफल हुई है। ऐसी अनेक घटनाएं हो चुकी हैं जहां वीरभद्र की सरकार ने कर्तव्य निर्वहन नहीं किया है जिसकी वजह से आम जनता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। हाल ही की घटना है जिसमें हिमाचल में 16 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में 10वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के खराब प्रदर्शन ने अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने में सरकार की विफलता को जगजाहिर किया था। 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में सारे विद्यार्थी फेल हुए हैं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के नतीजे भी परेशान करने वाले हैं। शिक्षण के अपर्याप्त मानदंडों और शिक्षकों की कमी की वजह से यह असफलता हुई है। यह राज्य और उसकी उन्नति के प्रति सरकार के उदासीन रवैये को दर्शाता है। यह गंभीर चिंता की बात है क्योंकि युवा लोग हमारा भविष्य हैं और इस पर पूरी निष्ठा एवं गंभीरता से कार्रवाई की जानी चाहिए। बच्चों की भविष्य की कीमत पर सरकार के इस लापरवाह ढर्रे को स्वीकार नहीं किया जाएगा।“ मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार 26 मई 2016 को अपनी सत्ता के दो साल पूरा करेगी।