हिमाचल प्रदेश में नदियों और झीलों का अनूठा समन्वय देखने को मिलता है। यहाँ प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों प्रकार की झीलें विद्यमान हैं। यहाँ की प्रमुख झीलें इस प्रकार हैं-
चन्द्र डल झील लाहौल- यह झील चन्द्रा नदी के चंद्रताल में मिलने पर बनती है। यह झील भूमध्य रेखा से 32°28′ उत्तरी अक्षांश तथा 77°37 पूर्वी रेखांश के मध्य स्थित है। लाहौल और स्पीति को जोड़ने वाले कुंजम दर्रे से चन्द्रताल झील 13 किलोमीटर दूर है। बारालाचा उद्गम स्रोत से पचास मील का सफर तय करने के बाद चन्द्रा नदी चन्द्र दल झील में मिलती है। यह झील समुद्रतल से 4280 मीटर की ऊँचाई पर है। इस झील का व्यास 49 हैक्टेयर है।
सूरजदल झील लाहौल- बारालाचा के पृष्ठ भाग से निकलने के बाद भागा नदी सूरजदल झील का निर्माण करती है। यह झील भूमध्य रेखा से 32°45′ उत्तरी अक्षांश तथा 77°23 पूर्वी रेखांश के मध्य समुद्रतल से 4800 मीटर की ऊँचाई पर है यह झील 3 हेक्टेयर में फैली है। यह झील लाहौल उपमण्डल में बारालाचा दर्रे से नीचे पर्वतीय तट पर पड़ती है। बारालाचा दर्रा मनाली-लाहौल-लेह-लद्दाख सड़क को जोड़ता है। इस सड़क पर से सूरज दल झील का रमणीय नजारा देखने को मिलता है।
ढंखर झील, स्पीति- यह झील लाहौल-स्पीति के स्पीति उपमण्डल में स्थित है।
नीलकंठ झील, लाहौल-स्पीति- यह झील मनाली से लगभग 140 कि.मी. की दूरी पर तेरह हजार फुट की ऊँचाई पर स्थित है। इस झील तक पहुँचने के लिए नैनागार से 18 कि.मी. का पैदल मार्ग है। लाहौल घाटी की यह झील 6 माह बर्फ से ढकी रहती है।
मणिमहेश झील भरमौर- यह झील भूमध्य रेखा से 32°23′ उत्तरी अक्षांश तथा 76°40′ पूर्वी रेखांश के मध्य स्थित है। यह झील चम्बा से 100 कि.मी. की दूरी पर भरमौर उपमण्डल में स्थित है। इस झील की समुद्रतल से ऊँचाई 4200 मीटर है। इस झील का अनुमानित व्यास एक कि.मी. अर्थात 2 हेक्टेयर है। यहाँ हर वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर श्रद्धालु मणिमहेश यात्रा पर जाते हैं।
खजियार झील डलहौजी- यह झील भूमध्य रेखा से 32°33′ उत्तरी अक्षांश तथा 76°05′ पूर्वी रेखांश के मध्य स्थित है। यह झील चम्बा से 27 कि.मी. दूर डलहौजी उपमण्डल में है। यहाँ खज्जिनाग का मन्दिर है। यह झील समुद्रतल से 1920 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इस झील के अनुपम सौन्दर्य के कारण खजियार को हिमाचल का मिनी स्वीजरलैंड के नाम से विभूषित किया गया है। इसका क्षेत्रफल 5 हैक्टेयर है।
लम्बडल झील भरमौर- यह झील भरमौर उपमण्डल में है। यह झील भूमध्य रेखा से 32°20 उत्तरी अक्षांश तथा 76°18′ पूर्वी रेखांश के मध्य समुद्रतल से 3640 मीटर की ऊंचाई पर है। यह लम्बील आठ हलका समूह है। इस झील समूह का कुल क्षेत्रफल 32 हेक्टेयर है। यह झील समूह नाग डल और नाग छतरी के नाम से जाना जाता है। इस समूह में लामाडल झील का व्यास 2 किलोमीटर है। यह झील धौलाधार पर्वत पर पड़ती है। यहाँ एक छोटा-सा शिव मन्दिर है।
भगवती काली के नाम से विख्यात है खुण्डीमराल झील चुराह- यह झील चुराहा घाटी में भूमध्य रेखा से 32°37′ उत्तरी अक्षांश तथा 76°24′ पूर्वी रेखांश के मध्य समुद्रतल से 4355 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील समुद्रतल से 3750 मीटर की ऊँचाई पर है। यह झील भगवती काली के नाम से विख्यात है। इसका मार्ग बियावान प्राकृतिक दृश्यों से युक्त है। यह झील 3 हैक्टेयर के क्षेत्र में फैली है।