सोलन: चावल के वैश्विक महत्व पर सत्र आयोजित

सोलन: शूलिनी यूनिवर्सिटी के डायलेक्टिकस, द हिमालयन लिटरेरी फोरम ने “द मैनिफोल्ड एस्पेक्ट्स ऑफ राइस अक्रॉस द ग्लोब” शीर्षक से एक सत्र आयोजित किया।

इस सत्र में साहित्य संस्थान, उदयपुर विद्यापीठ के निदेशक प्रोफेसर जीवन सिंह खरकवाल मुख्य वक्ता थे। उन्होंने चावल के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और कृषि महत्व पर चर्चा की।

सत्र के दौरान प्रो. खरकवाल ने एशिया में चावल की खेती की उत्पत्ति और उसके बाद इसके वैश्विक प्रसार के बारे में बात की। उन्होंने अनुष्ठानों, त्योहारों और व्यंजनों में इसके अभिन्न अंग पर प्रकाश डालते हुए विभिन्न समाजों में एक सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में चावल की भूमिका पर भी जोर दिया।

 प्रोफेसर खरकवाल ने चावल की खेती के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जिम्मेदार और टिकाऊ कृषि पद्धतियों की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रो. तेज नाथ धर,  हेमन्त कुमार शर्मा, डॉ. एकता सिंह, और प्रो. नासिर दश्तपेमा सक्रिय रूप से चर्चा में शामिल रहे और उन्होंने चावल की खेती, इतिहास और सांस्कृतिक महत्व के विभिन्न पहलुओं पर विचारोत्तेजक प्रश्न पूछे।

इससे पहले डॉ. पूर्णिमा बाली ने वक्ता और उपस्थित लोगों का स्वागत किया। कार्यक्रम का समापन डॉ. नवरीत साही की समापन टिप्पणी के साथ हुआ।

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