आई फ्लू से बचाव व जल जनित रोगों बारे लोगों को करें जागरूक- के.के.शर्मा

चिकित्सा खंड लडभड़ोल की ब्लॉक टॉस्क फोर्स की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोले एसडीएम

जोगिन्दर नगर:  एसडीएम जोगिन्दर नगर कृष्ण कुमार शर्मा ने कहा कि मानसून मौसम के दौरान बढ़ते आई फ्लू के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारी व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाएं। उन्होंने आई फ्लू बारे पंचायत एवं ग्रामीण स्तर पर लोगों को जागरूक करने पर बल दिया। एसडीएम आज चिकित्सा खंड लडभड़ोल की ब्लॉक टॉस्क फोर्स बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होने कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति को आई फ्लू की समस्या होती है तो वह स्वयं को तुरन्त अलग कर ले। ऐसा करने से वह दूसरे लोगों को भी संक्रमित होने से बचा सकता है। साथ ही कहा कि यदि कोई बच्चा आई फ्लू से संक्रमित पाया जाता है तो वह स्कूल जाने से परहेज करे। ऐसा करने से दूसरे बच्चों को भी संक्रमित होने से बचाया जा सकता है। उन्होंने आई फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्कूलों से भी विशेष एहतियात बरतने तथा बच्चों को जागरूक करने पर भी बल दिया है।

उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति आई फ्लू से संक्रमित है तो वह काला चश्मा पहन कर रखे। टीवी या मोबाइल फोन देखने से बचे तथा बार-बार आंखों को छूने से परहेज करे। साथ ही आंखों को साफ करने के लिए गंदे कपड़े का इस्तेमाल न करे तथा आंखों को छूने के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोएं। इसके अलावा किसी भी दूसरे व्यक्ति से आई टू आई कांटेक्ट न बनाएं। उन्होने आई फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरन्त डॉक्टर परामर्श लेने की भी सलाह दी है।

एसडीएम ने मानसून मौसम के दौरान लोगों को जल जनित रोगों से बचाव के लिए भी जन जागरूकता अभियान चलाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी लोगों को स्वच्छ पेयजल इस्तेमाल करने बारे ग्रामीण स्तर पर जागरूक करें। साथ ही कहा कि जो लोग प्राकृतिक स्रोतों बावड़ी इत्यादि का इस्तेमाल पेयजल के लिए कर रहे हैं इस बारे भी लोगों को जागरूक करने पर बल दिया। उन्होंने जलशक्ति विभाग को समय-समय पर सभी प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों की सैंपलिंग करने को भी कहा ताकि पानी संक्रमित होने पर लोगों को आगाह किया जा सके। इसके अलावा सभी पेयजल योजनाओं की क्लोरिनेशन पर भी बल दिया ताकि किसी भी प्रकार के जल जनित रोग की संभावना न रहे।

उन्होने आम जन से भी बरसाती मौसम के दौरान पानी को उबाल कर पीने को कहा है। साथ ही बताया कि पानी को कम से कम 15 मिनट तक अवश्य उबाला जाना चाहिए तथा ठंडा होने पर इसको पीने में इस्तेमाल करें। इसके अलावा प्राकृतिक जल स्रोतों के पानी को पेयजल के लिए बिना जांच पड़ताल इस्तेमाल न करने की सलाह भी दी है।

इसके अलावा बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की समीक्षा भी की।

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