कारगिल विजय दिवस भारतीय सैनिकों के शौर्य गाथा के रूप में इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में हो चुका है अंकित – पंचायती राज मंत्री बोले

पंचायती राज मंत्री बोले- प्रदेश के सैनिकों में शौर्य, साहस एवं त्याग की समृद्ध परम्परा

‘ऑपरेशन विजय’ के माध्यम से भारत की भूमि को घुसपैठियों के चंगुल से कराया मुक्त – अनिरुद्ध सिंह

पंचायती राज मंत्री ने की राज्य स्तरीय कारगिल विजय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता

शिमला : ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने आज यहाँ बचत भवन शिमला में आयोजित राज्य स्तरीय कारगिल विजय दिवस की अध्यक्षता की।  इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन हम सब के लिए गौरव का दिन है। 26 जुलाई 1999 को आज ही के दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाए गए ‘ऑपरेशन विजय’ को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत भूमि को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था और दुनिया के सबसे खतरनाक व पहाड़ी क्षेत्र में लड़े गए इस अघोषित युद्ध में भारत को जीत हासिल हुई थी। तब से हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

उन्होंने कहा कि यह दिन भारतीय सैनिकों के शौर्य गाथा के रूप में इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में अंकित हो चुका है। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर उन्होंने देश व प्रदेश के उन शूरवीरों को नमन किया जिन्होंने अपने अदम्य साहस व वीरता से कारगिल की दुर्गम पहाड़ियों से दुश्मन को खदेड़ कर वहाँ तिरंगा लहराया।
उन्होंने कहा कि 1999 में कारगिल की पहाड़ियों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कब्जा जमा लिया था, जिसके बाद भारतीय सेना ने उनके खिलाफ ऑपरेशन विजय चलाया था। ऑपरेशन विजय 8 मई से शुरू होकर 26 जुलाई तक चला था। युद्ध में देश के 527 वीर योद्धा शहीद व 1300 से ज्यादा घायल हुए थे।

हिमाचल प्रदेश में शौर्य, साहस एवं त्याग की रही है समृद्ध परम्परा

अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शौर्य, साहस एवं त्याग की समृद्ध परम्परा रही है जिससे प्रदेश को वीर भूमि का दर्जा प्राप्त है। हिमाचल प्रदेश के रणबांकुरों ने साहस और बलिदान की परम्परा को बनाए रखा है और भारतीय सेना में सेवा करते हुए प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा हिमाचल प्रदेश से संबंध रखते थे।
उन्होंने कहा कि कारगिल की इस लड़ाई में भी हिमाचल प्रदेश के बहादुर सैनिकों ने वीरता का इतिहास रचा था। युद्ध में शहादत पाने वाले देश के 527 वीर जवानों में से 52 शहीद हिमाचल से थे और चार में से दो परमवीर चक्र भी हिमाचल को मिले। प्रदेश के रणबांकुरे ने ऑपरेशन विजय के दौरान अनेक शौर्य पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं। उन्होंने कहा कि यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है और हमेशा दिलाता रहेगा।

पंचायती राज मंत्री ने इन्हे किया सम्मानित

पंचायती राज मंत्री ने कारगिल शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया, जिसमें जिला शिमला से स्वर्गीय गन्नर यशवंत सिंह के माता बिमला देवी, स्वर्गीय ग्रेनेडियर नरेश कुमार के भाई हेम कुमार तथा स्वर्गीय ग्रेनेडियर अनंत राम के भाई पूर्ण चंद शामिल रहे | इसके अतिरिक्त, इस दौरान कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों को भी सम्मानित किया जिसमे सूबेदार मेजर आनरेरी लेफ्टिनेंट दिवाकर शर्मा, सूबेदार मेजर राम लाल शर्मा, सूबेदार स्वरुप ठाकुर, हवलदार लक्ष्मी दत्त, नायक प्रवीण शर्मा, नायक दयाल चंद वर्मा, आनरेरी कप्तान मोहन सिंह एवं स्वर्गीय हवलदार सुंदर लाल की धर्मपत्नी शीला वर्मा शामिल रहे | 

कैबिनेट मंत्री ने दिलाई शपथ

कैबिनेट मंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को देश की एकता, अखण्डता व सम्मान की रक्षा के लिए शपथ दिलाई। कार्यक्रम में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग जिला शिमला के कलाकारों ने समूह गान प्रस्तुत किया। इस दौरान कारगिल युद्ध सैनिकों के अदम्य साहस से परिचय कराते लघु वृत्तचित्र का प्रदर्शन किया गया। 

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