नई दिल्ली: भारत में मानव सशक्तिकरण को समर्पित संस्था, भारत सोका गाक्काई (बीएसजी) ने 28 जून को नई दिल्ली के चिन्मय मिशन सभागार में एक प्रभावशाली संगोष्ठी का आयोजन किया। “जीवन में बदलाव: सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रेरक के रूप में महिलाएं” इस संगोष्ठी का उद्देश्य बेहतर विश्व के निर्माण में महिला नेतृत्व की भूमिका के महत्त्व को उजागर करना था।
जिन महिलाओं ने अपने जीवन में बदलाव से समाज में उदाहरण प्रस्तुत किये हैं, वे इस संगोष्ठी की वक्ता रहीं। बीएसजी में निदेशक और बाह्य संबंधों की प्रमुख राशि आहूजा ने संगोष्ठी में वक्ताओं और उपस्थित श्रोताओं का स्वागत करते हुए कहा कि, मैं यह मानती हूँ कि महिलाएं सामाजिक परिवर्तन का वास्तुकार होती हैं।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्वी दिल्ली के शाहदरा जिले की जिला मजिस्ट्रेट प्रांजल पाटिल ने अपने अनुभव साझा किए और सामाजिक प्रगति को आगे बढ़ाने में प्रशासनिक भूमिकाओं की शक्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “प्रगति की इच्छा भीतर से आनी चाहिए। लेकिन हम सभी एक-दूसरे को सशक्त बनाने के लिए प्रेरणा दे सकते हैं। महिला सशक्तीकरण स्वयं को बिना शर्त स्वीकार करने और समस्त महिला समाज तथा मानवता के लिए दुनिया को बदलने का एक आत्म विश्वास है।”
श्री राम स्कूलों की संयुक्त उपाध्यक्ष और युवा भारतीय महिलाओं के लिए KARM फ़ेलोशिप की संस्थापक सुश्री राधिका भरत राम ने अपने बीज भाषण में कहा: “महिलाएं लगातार सामाजिक परिवर्तन लाने में सबसे आगे रही हैं। उनहोंने समाज में समावेशिता और समानता के पक्ष को पोषित करने में विशेष भूमिका निभायी है। वे न केवल अपने स्वयं के उद्देश्य को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करती हैं , बल्कि समाज के हर वर्ग से आने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भी काम करती हैं। वे समझती हैं कि प्रगति में सभी को शामिल होना चाहिए, चाहे उनकी जाति, लिंग, धर्म या समाज में उनका स्थान कुछ भी हो।”
वुमेन ऑन वेल्थ (WOW) की सह-संस्थापक सुश्री प्रियंका भाटिया ने वित्तीय सशक्तिकरण के महत्व और महिलाओं के जीवन पर इसके प्रभाव को सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, “महिलाओं को सशक्त बनाना तभी संभव है जब हम वित्तीय संकट के चक्र को तोड़ दें। जैसे-जैसे हम प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं, हमें याद रखना चाहिए कि हम इस संकट का सामना करने वाली आखिरी पीढ़ी हैं। मिलकर, हमारा लक्ष्य है कि हर घर में एक आर्थिक रूप से शिक्षित महिला हो जो उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर हो!”
इसके अलावा, मॉडल और फेमिना मिस इंडिया 2023 की फर्स्ट रनर-अप सुश्री श्रेया पूंजा ने अपनी जीवन यात्रा से श्रोताओं को प्रेरित किया और मनोरंजन उद्योग में प्रतिनिधित्व के महत्व और रूढ़ियों को तोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘समाज के सभी पहलुओं में आगे बढ़ने के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी है। वैश्विक स्तर पर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए, हमें उन्हें निर्णय लेने की शक्ति देनी होगी, उन्हें शिक्षित करना होगा और उन्हें समान अवसर देने होंगे ।”
बीएसजी के अध्यक्ष के रूप में विशेष गुप्ता ने संगोष्ठी में उनके योगदान के लिए सभी वक्ताओं और उपस्थित लोगों को हार्दिक धन्यवाद दिया। गुप्ता ने महिला नेतृत्व की परिवर्तनकारी शक्ति का अनुमोदन करते हुए कहा ”महिलाएं सामाजिक परिवर्तन की उत्प्रेरक हैं वे स्वाभाविक रूप से शांति निर्माता हैं। उनके नेतृत्व, करुणा और अटल प्रतिबद्धता में बाधाओं को तोड़ने और समावेशी समाज बनाने की शक्ति है। महिलाओं के प्रयासों को स्वीकार करके और बढ़ावा देकर हम दूसरों को ऐसा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं और एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहाँ प्रत्येक व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता को प्राप्त कर सके।“
सम्मान और स्थिरता की संस्कृति को बढ़ावा देना बीएसजी के मिशन का अभिन्न अंग है। 1986 में अपनी स्थापना के बाद से बीएसजी मानव सशक्तिकरण, विशेषतः महिला एवं युवा सशक्तिकरण के लिये प्रयत्न रत है।
इस उद्देश्य से, बीएसजी ने कार्यक्रम स्थल पर ‘आशा और कार्य के बीज: सतत एवं टिकाऊ विकास को मूर्त रूप देना’ नामक शीर्षक से एक प्रदर्शनी का आयोजन किया। यह प्रदर्शनी उन सामान्य व्यक्तियों के उदाहरण प्रस्तुत करती है, जिन्होंने अधिक टिकाऊ समाज को प्राप्त करने की दिशा में ठोस प्रयास किये हैं। प्रदर्शनी को दर्शकों ने खूब सराहा।