हिमाचल राज्य सहकारी बैंक के जमाधन में 10.68 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी

बैंक ने अपने सकल एन.पी.ए. में 1.98 प्रतिशत की कमी : प्रबन्ध निदेशक श्रवण मान्टा

शिमला:हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक ने आज शिमला में 31 मार्च 2023 को समाप्त वित वर्ष 2022-23 के दौरान बैंक द्वारा प्राप्त उपलब्धियों के संबंध में प्रेसवार्ता का आयोजन किया। इस वार्ता में बैंक के नव नियुक्त अध्यक्ष देवेंद्र श्याम ने प्रदेश के मुख्यमंत्री  सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बतौर अध्यक्ष इस बैंक की जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है उस दायित्व को पूरी निष्ठा, ईमानदारी व लग्न के साथ पूरा करने का पूरा प्रयास करेंगेे और प्रदेश सरकार द्वारा जो भी जन-कल्याण की योजनायें लाई जायेंगी, बैंक के माध्यम से समाज के हर निम्न वर्ग तक उन योजनाओं का सही लाभ पहुंचाने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस वार्ता का मुख्य उदेश्य बैंक द्वारा 31 मार्च 2023 को समाप्त वित वर्ष 2022-23 के दौरान बैंक द्वारा प्राप्त उपलब्धियों को सांझा कर इन्हें प्रदेश भर में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना है ताकि लोग इस बैंक से जुड़कर बैंक द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें। उन्होंने इस बात का विशेष जिक्र किया कि यह बैंक आप सभी का अपना संस्थान है इस बैंक का प्रदेश के हर वर्ग से एक अपनत्व व भावनात्मक रिश्ता जुड़ा हुआ है। बैंक अपने मूल मंत्र ‘‘ राज्य का बैंक – राज्य के लिए ’’ के सिद्धांत पर कार्य करते हुए प्रदेश की जनता की सेवा में सदैव तत्पर रहा है। बैंक द्वारा जो भी जमा पूंजी प्रदेश के लोगों से बतौर जमाधन इकटठा की जाती है वह सारी पूंजी बैंक द्वारा प्रदेश के विकास व यहां के लोगों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने में ही लगाई जाती है। आज यह बैंक प्रदेश के छः जिलों शिमला, बिलासपुर, मण्डी, चम्बा, सिरमौर व किन्नौर में अपनी 217 शाखाओं व 23 विस्तार पटलों के माध्यम से प्रदेश के लोगों को उनके घर-द्वार पर ही बैंकिंग सेवायें उपलब्ध करवाने में प्रयासरत है।

उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2023 को समाप्त वित वर्ष 2022-23 के दौरान बैंक ने अपने सकल व्यवसाय में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। 

बैंक के अपने जमाधन में 10.68 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर मु. 14,121.93 करोड़ का आंकड़ा छुने में सफलता प्राप्त की है जो गत वर्ष 2021-22 की तुलना में मु. 1362.67 करोड़ अधिक है। गत वर्ष यह आंकड़ा मु.12759.26 करोड़ था।

ऋण वितरण में भी बैंक अब तक की सबसे अधिक 20.27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर अपने ऋण पोर्टफोलियो को मु. 8644.62 करोड़ के आंकड़े को छूने में कामयाब रहा। गत वर्ष यह आंकड़ा 7187.46 करोड़ था। बैंक ने जो ग्राहक मैत्री योजनायें आरम्भ की है समाज का हर वर्ग बैंक से अधिक से अधिक संख्या में जुड़ कर इन योजनाओं का पूरा लाभ उठा रहा है। चाहे आज कृषि ऋण की बात हो या गृह निर्माण ऋण, वाहन ऋण, शिक्षा ऋण, स्वरोजगार स्थापित करने हेतु ऋण से लेकर अन्य ऋण सुविधाओं की बात हो, आज बैंक के पास हर प्रकार के व्यवसाय हेतु ऋण योजनायें क्रियान्वित हैं ताकि समाज का हर वर्ग अपनी आवश्यकता अनुसार इन योजनाओं का लाभ ले सके।

बैंक अध्यक्ष ने कहा कि जब हम बात लाभ-प्रदता की करते हैं तो स्वभाविक रूप से सबसे पहले मन में यही बात आती है कि बैंक का अपने ग्राहक समुदाय के साथ संवाद प्रगाढ़ है और उनका बैंक में विश्वास कायम है। बैंक अपने अभी तक के इतिहास में मु. 303 करोड़ रूपये का रिकार्ड सकल लाभ अर्जित करने में कामयाब रहा। अगर हम पिछले साल के सकल लाभ की बात करें तो यह आंकड़ा मु. 233.77 करोड़ था इसी प्रकार वांछित प्रावधानों के बाद बैंक का शुद्ध लाभ मु. 177.55 करोड़ दर्ज हुआ है जो गत वर्ष मु. 121.62 करोड़ था। यह आंकड़े स्पष्ट रूप से इस बात के परिचायक हैं कि बैंक ने अपने कुशल प्रबन्धन, बेहतर नीति निर्धारण व परिश्रमी कार्यबल के बूते इस कामयाबी को प्राप्त किया है।

इस अवसर पर बैंक के प्रबन्ध निदेशक श्रवण मान्टा ने कहा कि आज के बैंकिंग परिवेश में एन.पी.ए. एक प्रमुख मापदंड के रूप में उभर कर सामने आया है। किसी भी बैंक की वितीय स्थिति का अंदाजा उसके एन.पी.ए. से सहज लगाया जा सकता है। आज देश के अधिकतर बैंक उच्च एन.पी.ए. से जूझ रहे हैं। बैंक ने इस वित वर्ष के दौरान ऋण वसूली को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित कर अपने सकल एन.पी.ए. को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफलता प्राप्त की है। आज बैंक ने अपने सकल एन.पी.ए. में 1.98 प्रतिशत की कमी कर इसे 7 प्रतिशत से नीचे लाने में सफलता हासिल की। आज बैंक का सकल एन.पी.ए. 6.92 प्रतिशत है इसी प्रकार शुद्ध एन.पी.ए. 2.12 प्रतिशत पर आ गया है। यह आंकड़े बैंक की मजबूत वितीय स्थिति के परिचायक हैं।

प्रबन्ध निदेशक ने आगे कहा कि आज का समय टैक्नोलॉजी का समय है। जिस भी संस्थान ने इस क्षेत्र में समय रहते प्रयास नहीं किए उन्हें या तो व्यवसाय जोखिम से जुझना पड़ रहा है या उनकी वितीय स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। इस दिशा में बैंक ने समयानुसार कदम उठाकर अपनी बैंकिंग प्रणाली में तकनीकि समावेश को प्राथमिकता दी। आज उन्हीं प्रयासों के बल पर बैंक अपने ग्राहकों को हर प्रकार की आधुनिक बैंकिंग सुविधायें प्रदान करने में सफल रहा है। आज बैंक यू.पी.आई. आधारित सभी प्रकार की बैंकिंग सेवायें, आर.टी.जी.एस/एन.ई.एफ.टी, डी.बी.टी. पी.एफ.एम.एस और ‘‘हिमपैसा’’ नामक मोबाईल बैंकिंग जैसी डिजिटल सेवायें भी उपलब्ध करवा रहा है।

आज बैंक का सी.आर.ए.आर. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय 9 प्रतिशत के मानक से कहीं उपर 18.41 प्रतिशत है जो बैंक की मजबूत वितीय स्थिति को दर्शाता है।  इसी प्रकार बैंक का सी.डी. अनुपात राष्ट्रीय बेंचमार्क 60 प्रतिषत को पार कर 61 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

प्रबन्ध निदेशक ने बैंक द्वारा वित 2023-24 के लिए तय भावी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि बैंक का प्रथम प्रयास अपने ग्राहकों को नैट बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध करवाना है। इस दिशा में बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक से लाईसेंस प्राप्त कर लिया है और शीघ्र ही बैंक इस सुविधा को अपने ग्राहकों को प्रदान करना आरम्भ कर देगा। इस सुविधा के आरम्भ होने से प्रदेश का व्यवसाई व युवा वर्ग अधिक से अधिक संख्या में बैंक से जुड़ेगा।

दूसरी प्राथमिकता बैंक द्वारा अपने तकनीकी आधार को और सुदृढ़ और सुरक्षित करने की दिशा में है। वर्तमान घटनाक्रम में आये दिन साइबर अपराध की घटनायें घटित हो रही हैं। ऐसे में किस प्रकार से बैंक अपने ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रख सकता है इसी दिशा में बैंक ने स्तरोन्नित के साथ-2 उच्च तकनीक आधारित प्रणाली को बैंक में अपनाने बारे प्रक्रिया आरम्भ कर दी है और इसे चरणबद्ध ढंग से अपनी कार्य-प्रणाली में संचालित किया जाएगा।

बैंक चालू वित वर्ष के अंदर अपने प्रशिक्षण संस्थान सांगटी में एफ.पी.ओ. अकादमी स्थापित करने जा रहा है और इस बारे में बैंक को नाबार्ड द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है और आगे की प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है। बैंक के लिए यह भी खुशी की बात है कि यह अकादमी पूरे देश में अपने आप में पहली एफ.पी.ओ. अकादमी होगी ।

बैंक प्रबन्धन ने चालू वित वर्ष को कृषि सहकारी वर्ष के रूप में प्रमुखता से कार्य करने हेतु चयनित किया है ताकि अधिक से अधिक सहकारी सभाओं को बतौर डिपाजिट मोबलाईजिंग एजेंट व बहु उद्देशीय सेवा केंद्रो के रूप में विकसित कर उनकी आर्थिक को मजबूती प्रदान करना होगा। इस कदम से जहां एक ओर इन सहकारी सभाओं को व्यवसाय के नए क्षेत्र उपलब्ध होंगे वहीं दूसरी ओर उन्हें आय अर्जन के भी अवसर प्राप्त होंगे।

चालू वित वर्ष 2023-24 के लक्ष्यों का जिक्र करते हुए प्रबन्ध निदेशक ने जानकारी दी कि साल 2023-24 के लिए बैंक ने नए व्यवसाय लक्ष्य निर्धारित कर लिए हैं। इसी कड़ी में बैंक ने अपने सकल व्यवसाय हेतु 25000 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया है। जमाधन लक्ष्य मु. 15000 करोड़ और ऋण व अग्रिम हेतु मु. 10000 करोड़ लक्ष्य तय किया है साथ ही अपनी प्रभावी वसूली प्रकिया के बल पर अपने सकल एन.पी.ए. को 6 प्रतिशत से नीचे लाने का प्रयास किया जाएगा।

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