हिमाचल: प्रदेश विधानसभा चुनाव में 55, 07, 261 मतदाता करेंगे मतदान

प्रत्येक प्रत्याशी के लिए चुनावी खर्च की सीमा 40 लाख तय :  मुख्य निर्वार्चन अधिकारी मनीष गर्ग

हिमाचल: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अनुमोदित कार्यक्रम के अनुसार राज्य के सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए फोटोयुक्त मतदाता सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण का कार्य पहली अक्तूबर, 2022 की अर्हता तिथि के आधार पर निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों द्वारा मतदाता सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मुख्य निर्वार्चन अधिकारी बताया कि उत्सव अभियान के तहत निर्वाचन विभाग द्वारा किए गए निरंतर और ठोस प्रयासों के कारण 163925 नए मतदाता पंजीकृत किए गए हैं, जिनमें 18-19 वर्ष आयु वर्ग के 69781 मतदाता शामिल हैं तथा इस आयुवर्ग के मतदाताओं की नामांकन प्रतिशतता 46 प्रतिशत से बढ़कर अब 75 प्रतिशत हो गई है।

 मुख्य निर्वार्चन अधिकारी मनीष गर्ग ने शिमला में प्रेसवार्ता के दौरान आज जानकारी देते हुए बताया कि 16 अगस्त, 2022 को चुनाव विभाग द्वारा मतदाता सूचियों के प्रारूप प्रकाशन के समय राज्य में कुल 5388409 मतदाता पंजीकृत थे। फोटो मतदाता सूची के संशोधन के बाद, मृत्यु, स्थानांतरण तथा पंजीकरण के दोहराव आदि के कारण 45073 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में 118852 मतदाताओं की वृद्धि हुई है, जो कि 2.21 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि सेवा अहर्ता मतदाता सूची को भी अन्तिम रूप से प्रकाशित कर दिया गया है तथा अब तक राज्य में 67532 सेवा मतदाताओं के नाम दर्ज हैं।

मनीष गर्ग ने कहा कि राज्य में अब कुल 5507261 सामान्य मतदाता हैं, जिनमें 2780208 पुरुष, 2727016 महिला और 37 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं जबकि दिव्यांग मतदाताओं की संख्या बढ़कर 56001 हो गई है, जिसमें 1470 की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जनसंख्या  लिंगानुपात 976 की तुलना में मतदाताओं का लिंग अनुपात 978 से बढ़कर 981 हो गया है। उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिले के 14-सुलह विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 104486 मतदाता हैं, जबकि 21-लाहौल और स्पीति विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 24744 मतदाता हैं।

प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 7881 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि 2017 के चुनाव की तुलना में 356 पोलिंग बूथ ज्यादा है। इनमें से 142 पोलिंग बूथ महिला कर्मचारियों द्वारा संचालित किए जाएंगे। इन बूथों पर ड्यूटी भी महिला पुलिस कर्मियों की ही लगाई जाएगी। 37 पोलिंग स्टेशन दिव्यांग कर्मी संचालित करेंगे।

मनीष गर्ग ने कहा कि आचार संहिता लगते ही सरकारी दफ्तरों से मंत्री व सरकारी फंक्शनरी के सभी फोटोग्राफ 48 घंटे के भीतर हटाने होंगे। 72 घंटे के भीतर निजी संपत्ति पर लगे होर्डिंग व पोस्टर भी हटाने होंगे। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को भी अपनी वेबसाइट से भी सीएम व मंत्रियों के फोटो हटाने होंगे। जो काम प्रगति पर है, वो चलते रहेंगे, लेकिन नए काम शुरू करने की इजाजत नहीं होगी। वोटर हेल्पलाइन एप से बूथ और प्रत्याशी की पूरी जानकारी मिलेगी। दिव्यंग वोटरों की सुविधा के लिए PWD एप बनाया गया है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राज्य कर एवं आबकारी विभाग को सीसीटीवी के माध्यम से सभी बॉटलिंग प्लांटों की निगरानी करने और सीमावर्ती राज्यों आबकारी आयुक्तों के साथ अंतर्राज्जीय समन्वय सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए हैं ताकि अवैध शराब और नकदी की आवाजाही पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि अधिकांश मतदान केंद्र सरकारी स्कूलों में हैं, जिसके दृष्टिगत शिक्षा विभाग को मतदान केंद्र भवनों और अन्य आवश्यक सुविधाओं का उचित रखरखाव सुनिश्चित करना चाहिए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने परिवहन विभाग को मतदान पार्टियों के लिए आवश्यक परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

इस बार 142 पोलिंग बूथ पर महिला कर्मचारी द्वारा संचालित किए जाएंगे। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो-दो ऐसे बूथ बनाए गए हैं। इनमें चुनाव कर्मियों के अलावा सुरक्षा कर्मी भी महिला ही तैनात की जाएगी। जबकि 37 पोलिंग स्टेशन दिव्यांग कर्मी ही संचालित करेंगे। मनीष गर्ग ने कहा कि भरमौर विधानसभा क्षेत्र में भटोरी पोलिंग स्टेशन के लिए 14 किलोमीटर पैदल सफर तय करके मतदान दल को पहुंचना होगा। ईवीएम और वीवीपेट मशीनों को ले जाने के लिए कैरी बैग दिए जाएंगे।

केंद्रीय चुनाव आयोग ने प्रत्येक प्रत्याशी के लिए चुनावी खर्च की सीमा 40 लाख तय की है। 2017 के चुनाव में यह 28 लाख थी। यानी इस बार 12 लाख की बढ़ोतरी की गई है। प्रदेश में इस बार विधानसभा चुनाव करवाने पर 76.91 करोड़ रुपए का अनुमानित व्यय होगा। 2017 के चुनाव में 46.47 करोड़ था।

पड़ोसी राज्यों के साथ लगती सीमाओं पर 110 सीसीटीवी कैमरा लगाकर निगरानी की जाएगी। इनमें पुलिस व होमगार्ड जवानों के अलावा 67 केंद्रीय पुलिस बलों कंपनियां मांगी गई है, जो विधानसभा चुनाव में सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी।

मनीष गर्ग ने कहा कि जिन लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल होंगे, ऐसे मतदाता पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राज्य-केंद्र व कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी आइकार्ड, बैंक डाकघरों द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, पैन कार्ड, मनरेगा जोब कार्ड, आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पैंशन दस्तावेज, सांसद विधायक द्वारा जारी पहचान पत्र तथा आधार कार्ड दिखाकर मतदाता अपने मत का प्रयोग कर पाएंगे।

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