ऐतिहासिक रिज मैदान में "एचआईवी" जागरूकता समारोह 13 दिसम्बर को

2007 एवं 2015 के बीच नए एचआईवी संक्रमणों में 66 फीसदी गिरावट

  • एचआईवी/एड्स के खिलाफ जोरदार प्रतिरोध की भारत की सफल गाथा जारी
  • महामारी को रोकने एवं उसे पीछे की ओर घुमाने का सहस्‍त्राब्‍दी विकास लक्ष्‍य अर्जित
  • 2007 एवं 2015 के बीच नए एचआईवी संक्रमणों में 66 फीसदी गिरावट जबकि एड्स से होने वाली मौतों में 54 फीसदी कमी आई, एड्स से होने वाली 4.5 लाख मौतें रोकी गईं

नई दिल्ली: 2015 के एचआईवी आकलन एचआईवी व्‍याप्ति में निरंतर गिरते रूझान की फिर से पुष्टि करते हैं। जहां एचआईवी व्‍याप्ति 2000 के कुल 0.37 से गिर कर 2007 में 0.34 और 2015 में अब 0.26 फीसदी तक रह गई है, इस अवधि के दौरान नए संक्रमणों में 66 फीसदी की गिरावट आई है जो 2015 में 86,000 रह गई है।

  • अनुमानों एवं अधिक व्‍यापक आंकडों के निर्माण के लिए मजबूत मॉडलों का उपयोग

इन अनुमानों का विकास राष्‍ट्रीय चिकित्‍सा विज्ञान (एनआईएमएस)-आइसीएमआर संस्‍थान के नेतृत्‍व में एम्‍स, एनआईएचएफडब्‍ल्‍यू, यूएनएआईडीएस, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन एवं सीडीसी के विशेषज्ञों के सहयोग से किया गया।

  • 2015 एचआईवी आकलनों के परिणाम
  • एचआईवी व्‍याप्ति

15 से 49 वर्ष के बीच के वयस्‍कों के बीच एचआईवी की व्‍याप्ति 2007-2015 में गिरकर 0.34 प्रतिशत से 0.26 प्रतिशत आ गई है। वर्तमान में पुरूषों के बीच एचआईवी व्‍याप्ति 0.30 प्रतिशत है और महिलाओं की बीच 0.22 प्रतिशत है। देशभर में वयस्‍क व्‍याप्ति के बीच में उल्‍लेखनीय अंतर है, जिसमें मणिपुर में 1.15 प्रतिशत के साथ सर्वाधिक अनुमानित एचआईवी वयस्‍क व्‍याप्ति है।

2015 के आखिर तक देशभर में 21.17 लाख एचआईवी से ग्रस्‍त है। इनमें 40 प्रतिशत महिलाये है, जबकि 6.5 प्रतिशत बच्‍चें हैं।

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