- राज्यों ने 2018-19 तक सभी मौजूदा पारंपरिक स्ट्रीट लाईट की जगह एलईडी लगाने का संकल्प किया ; नौ राज्य एक वर्ष में 10 प्रतिशत वर्तमान पम्पों की जगह ऊर्जा किफायती पम्प लगाएंगे
नई दिल्ली: सभी राज्यों में केंद्र शासित प्रदशों ने सर्वसम्मति से दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना (डीडीयूजेवाई) के तहत मिशन मोड में 31 मार्च, 2017 तक विद्युतीकरण से वंचित सभी गांवों में विद्युतीकरण सुनिश्चित करने का फैसला किया है। राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली, नवीन, नवीकरणीय ऊर्जा एवं खनन मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन आज यहां समाप्त हुआ, जिसमें देश में सब के लिए 2019 तक या उससे पहले 24 घंटे बिजली सुलभ कराने के लिए योजना निर्माण से संबंधित गतिविधियों को मिशन मोड में पूर्ण करने के लिए काम करने का भी संकल्प किया गया। यह फैसला किया गया कि सबके लिए बिजली पर जिन राज्यों के योजना दस्तावेज अभी तक तैयार नहीं हुए हैं, उन्हें सलाहकारों एवं केंद्रीय टीम सदस्यों की सहायता से इसे जल्द तैयार कर लेना चाहिए जिससे कि ये दस्तावेज 31 दिसंबर, 2015 तक तैयार हो जाएं।
सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय बिजली, कोयला तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने की। राज्यों ने राज्यों ने मंजूरी की तारीख से 30 महीनों के भीतर इसे क्रियान्वित करने के द्वारा समेकित बिजली विकास योजना (आईपीडीएस) परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का भी संकल्प किया। उन्होंने 2019-20 तक राष्ट्रीय स्तर पर 15 प्रतिशत सकल तकनीकी एवं वाणिज्यिक नुकसान (एटी एंड सी) ले आने के प्रति भी संकल्प किया। राज्यों में स्मार्ट ग्रिड गतिविधियों की योजना बनाने के लिए एक राज्य स्तरीय मिशन की भी स्थापना की जाएगी।
जिन राज्यों के पास वर्तमान में रास्ते का अधिकार (आरओडब्ल्यू) और उपयोग का अधिकार (आरओयू) नीति नहीं है उन्हें इन्हें प्राप्त करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। राज्यों ने 2018-19 तक सभी मौजूदा पारंपरिक स्ट्रीट लाईट की जगह एलईडी लगाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने का संकल्प किया है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे नौ राज्यों ने एक वर्ष के भीतर सौर समेत ऊर्जा किफायती पम्पों को मौजूदा 10 प्रतिशत कृषि जल पम्पों की जगह लगाने का भी फैसला किया है।
राज्यों ने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सौर पार्क स्थापित करने और सरकारी भवनों की छतों पर सौर टॉप स्थापित करने पर भी सहमति जताई है। जो राज्य पवन संसाधन में समृद्ध हैं, उन्होंने पहली जनवरी, 2016 तक पवन ऊर्जा के पूर्वानुमान एवं कार्यक्रम निर्धारण के लिए एक तंत्र स्थापित करने पर भी सहमति जताई है।