क्या रहा खास…हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन

शिमला:  विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल शुरू होने से पहले नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को यूक्रेन में फंसे लोगों की सुरक्षा मामला उठाकर सरकारी खर्च पर विद्यार्थियों की वापसी मांगी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फंसे लोगों की सुरक्षा का मामला गंभीर है। वायरल हो रहे वीडियो में बच्चे डरे हुए हैं। सरकार को इन्हें वापस लाने के लिए प्रयास करने चाहिए।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यूक्रेन में फंसे हिमाचलियों की सुरक्षित वापसी के लिए हिमाचल सरकार प्रयासरत है। हेल्पलाइन नंबर 1100 पर अभी तक 60 लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी मिली है। सरकार केंद्रीय विदेश मंत्रालय से लगातार संपर्क में है। दूतावास से भी इसको लेकर चर्चा जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ अभिभावकों से उन्होंने भी बात की है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पोलैंड के रास्ते भी भारतीय को यूक्रेन से बाहर निकालने के प्रयास चल रहे हैं। यूक्रेन में फंसे हिमाचल के लोग हमारी जिम्मेदारी है। यह जब तक यूक्रेन में हैं, तब तक वहां सुरक्षित रहें और वापस सुरक्षित देश में लाया जाए। इसके लिए केंद्र सरकार भरसक प्रयास कर रही है।

बिजली प्रोजेक्टों का विरोध करने वाले लोगों से करेंगे वार्ता : ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने जंगी थोपन बिजली परियोजना का मामला उठाते हुए कहा कि स्थानीय पंचायतों ने इस प्रोजेक्ट को रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया है। सरकार इनसे बात तक नहीं कर रही।

ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि बिजली परियोजनाओं का विरोध करने वाले लोगों से वार्ता की जाएगी। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली परियोजनाओं का विरोध करने का अब प्रचलन हो गया है। उपायुक्त किन्नौर प्रभावित पंचायतों से बात कर रहे हैं। परियोजनाओं का विरोध करना कुछ एनजीओ और पर्यावरणविदों का काम बन गया है। अब आधुनिक तकनीक से परियोजनाओं का निर्माण निर्माण होता है। रोजगार के अवसर भी मिलते हैं।

780 मेगावाट जंगी थोपन पोवारी जल विद्युत परियोजना का समझौता ज्ञापन एसजेवीएन के साथ 25 सितंबर, 2019 को हस्ताक्षरित हुआ है। अभी इसकी विस्तृत परियोजना तैयार की जा रही है। सरकार का इस परियोजना को रद्द करने का कोई विचार नहीं है।

मानव भारती विवि के मालिक के 191 खाते फ्रीज : शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह

विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन आज शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मानव भारती यूनिवर्सिटी द्वारा फर्जी डिग्रियां बेचने के मामले में जवाब देते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर 2012 से ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाती हो अब तक आरोपी राजकुमार राणा को सजा मिल चुकी होती। यह मामला 2016 में सामने आया जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी उस समय प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेटरी कमीशन ने भी कहा था कि मानव भारती यूनिवर्सिटी में उसे फर्जी कोर्स चल रहे हैं और फर्जी डिग्रियों का मामला भी सामने आया।

16 जनवरी 2020 को यह मामला प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेटरी कमिशन को भेजा गया था। इसके बाद मामले में तीन एफआई आर दर्ज की गई। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इन तीनों एफआई में 62 धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए। अतिरिक्त महानिरीक्षक निरीक्षकके नेतृत्व में 19 सदस्यों की एक एसआईटी भी बनाई गई है। टीम में ईडी और एक्साइज विभाग के अधिकारी भी शामिल किए गए हैं ताकि मामले की विस्तृत जांच भी की जाए।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि जांच के दौरान 64 हार्ड डिस्क और 12 मोबाइल फोन को भी एसएफएल भेजा गया। जांच में पाया गया कि 41479 डिग्रियां मानव भारती विश्वविद्यालय की हैं जिनमें से 36424 फर्जी हैं। मानव भारती एजुकेशन ट्रस्ट के सभी खातों को अटैच कर लिया गया। इसके अलावा ट्रस्ट के नाम से जमीन भी अटैच की गई है। ईडी ने 194.17 करोड़ की संपत्ति को जब्त किया है। राज कुमार राणा की पत्नी और बेटी के लुक आउट नोटिस भी जारी कर दिए हैं। मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

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