अग्रणी औद्योगिक घरानों ने प्रदेश मे निवेश के लिए दिए प्रस्ताव

  • नई दिल्ली में आयोजित इनवेस्टर मीट में 1400 निवेशकों ने लिया भाग

 

    नई दिल्ली में आयोजित इनवेस्टर मीट में 1400 निवेशकों ने लिया भाग

नई दिल्ली में आयोजित इनवेस्टर मीट में 1400 निवेशकों ने लिया भाग

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ आज नई दिल्ली में ‘इमर्जिंग हिमाचल’ के द्वितीय चरण की ‘इनवेस्टर मीट’ की अध्यक्षता की, जिसमें औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने से संबंधित प्रस्ताव पर चर्चा की गई।

मैट्रोपोलिटन शहर बैंगलोर, मुंबई तथा गुजरात में प्रथम चरण की इनवेस्टर मीट की सफलता के बाद आज नई दिल्ली में दिल्ली एनसीआर के अग्रणी औद्योगिक घरानों को प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित करने के उद्देश्य से ‘इमर्जिंग हिमाचल’ इनवेस्टर मीट का आयोजन किया गया।

हिमाचल प्रदेश सरकार तथा भारतीय उद्योग परिसंघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘इमर्जिंग हिमाचल’ इनवेस्टर मीट का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश को पसंदीदा निवेश स्थल के रूप में बढ़ावा देना है। इस इनवेस्टर मीट में निवेशकों से अनेकों प्रस्ताव प्राप्त हुए व सहमति बनी और 1400 के लगभग उद्योगपतियों ने इसमें भाग लिया।

इस दौरान, आस्ट्रेलिया स्थित हिमाचल प्रदेश के पालमपुर के चिकित्सक दम्पत्ति ने प्रदेश में अस्पताल तथा एक मेडिकल स्कूल स्थापित करने के साथ-साथ आस्ट्रेलिया के ट्रामा और पैथोलाजिस्ट विशेषज्ञों के सहयोग से राज्य में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। ऑस्हैल्थ ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक डा. अमित राणा व उनकी धर्मपत्नि डा. अभा राणा व केंसर विशेषज्ञ ने भी 100 करोड़ रुपये के परियोजना का प्रस्ताव रखा। डा. अमित फिजी द्वीप के सुवा स्थित अस्पताल में सर्जन हैं। इस दम्पत्ति ने मेेडिकल स्कूल व आधुनिक प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए प्रदेश में 35 एकड़ भूमि के लिए आग्रह किया। उन्होंने कहा कि संस्थान में युवाओं को चिकित्सा क्षेत्र से संबंधित कौशल विकास का प्रशिक्षण भी उपलब्ध होगा। मदर लैब स्थापित करने के प्रस्ताव और अस्पतालों व प्रदेश के चिकित्सा केन्द्रों से जोड़ने वाले इस प्रस्ताव का मीट में स्वागत किया गया।

प्रदेश में उभरते तीन नए औद्योगिक क्षेत्रों, कांगड़ा जिला के कन्दरौड़ी, सोलन व पंडोगा के लिए रक्षा से संबंधित उपकरण तैयार करने संबंधी औद्योगिक प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें एरीन सिस्टम ने 1.5 विलियन यू.एस. डालर से प्रदेश में रक्षा उद्योग उत्पादन इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ। सूर्या उषमा प्राईवेट लिमिटेड ने दक्षिण अफ्रिका समूह के सहयोग से प्रदेश की स्पीति घाटी में प्रारम्भिक तौर पर 100 मैगावाट के लगभग सौर ऊर्जा में निवेश का प्रस्ताव किया। उन्होंने सोलर पैनल के उत्पादन में भी गहरी रूचि दिखाई व इसका प्रस्ताव प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव की सराहना की। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड तथा हिम उर्जा सूर्या उषमा प्राईवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों के साथ इसकी संभावना को तलाशेगी।

बैठक में सेसका एलईडी प्राईवेट लिमिटेड ने प्रदेश में एलईडी लाईट, तारें, स्वीच व अन्य उत्पादों के निर्माण से संबंधित उद्योग स्थापित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसमें 500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 5 से 6 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने की संभावना है। उद्योग मंत्री ने उनके प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि वह खाली इकाई पर अपना कार्य आरम्भ करें और शीघ्र ही उन्हें उद्योग स्थापित करने के लिए भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी।

ग्रीनलैम मोर ने वर्तमान में नालागढ़ में स्थित अपने उद्योग के विस्तार के लिए 100 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान इन्दोरामा ग्रुप के बद्दी स्थित धागा उत्पादन उद्योग के विस्तार पर भी चर्चा की गई। उन्होंने इस उद्योग में 300 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश का प्रस्ताव किया तथा कहा कि इससे 300 लोगों रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री ने अग्रणी औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र की सड़कों की मुरम्मत के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में रास्तों, सड़कों व स्ट्रीट लाईट लगाने के लिए 42 करोड़ रुपये की निविदा जारी की हैं।

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