जगाधरी-पांवटा साहिब रेल लाइन का नए सिरे से होगा सर्वेक्षण

  • कालका-शिमला ट्रैक पर दौड़ने वाली ट्रेनों के बदले जाएंगे सभी डिब्बे

शिमला: पांवटा साहिब औद्योगिक क्षेत्र के लिए अपेक्षित माल को विशेषतौर पर ध्यान में रखते हुए जगाधरी-पांवटा साहिब के बीच नई रेल लाइन के निर्माण के लिए नए सिरे से सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके अलावा, कालका-शिमला ट्रेक पर रेल गति में सुधार की सम्भावनाएं तलाशने के लिए आरडीएसओ द्वारा अध्ययन भी किया जाएगा। केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के बीच आज यहां आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया गया।

केन्द्रीय रेल मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2021-22 में अधोसंरचना परियोजनाओं और सुरक्षा कार्यों के लिए 770 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है जो वर्ष 2009-14 के दौरान आवंटित औसत बजट से 613 प्रतिशत अधिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कालका-शिमला रेल डिब्बों का डिजाइन पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया जाना चाहिए। उन्होंने केन्द्रीय रेल मंत्री से विस्टा डोम जैसे डिब्बे उपलब्ध करवाने का आग्रह किया ताकि सैलानी इस रेल ट्रेक पर खूबसूरत घाटी का मनमोहक नजारा देख सकें।

पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि शिमला-कालका ट्रैक पर दौड़ रहे रेल डिब्बे पुराने हो गए है। यह डिब्बे अभी भी कालका वर्कशाप में बन रहे हैं। कालका वर्कशाप काफी पुरानी वर्कशाप है। वर्कशाप में अतिआधुनिक उपकरण भी नहीं हैं। 27 फरवरी को उन्होंने रेलगाड़ी में सफर भी किया, पर उन्हें वो संतुष्टि नहीं हुई। उन्होंने शिमला-कालका ट्रैक पर चल रहे सभी पुराने डिब्बों को बदलने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस पर आरटीएसओ और नोर्दन रेलवे अधिकारियों ने काम शुरू कर दिया है। डिब्बों का नया डिजाइन बनेगा। डिब्बों में बड़े-बड़े शीशे लगाए जाएंगे। उन्होंने डिब्बों का नया डिजाइन खुद बनाया है। आरटीएसओ के अधिकारियों को इसी प्रकार का डिजाइन तैयार करने के लिए कहा है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि भान्नुपल्ली-बैरी और चण्डीगढ़ रेल लाइन के कार्य में भी तेजी लाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने भान्नुपल्ली-बैरी रेल लाइन के लिए 405 करोड़ और चण्डीगढ़-बद्दी रेल लाइन के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित करने के लिए केन्द्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चण्डीगढ़-बद्दी रेल लाइन प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बल देने में अहम भूमिका निभाएगी क्योंकि औद्योगिक इकाइयां इस रेल लाइन के सहयोग से कच्चे माल की ढुलाई करने के साथ-साथ विभिन्न स्थानों पर उत्पादों को आसानी से पहुंचा पाने में समर्थ होंगी।

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