नई दिल्ली: कोरोना संकट से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने की बड़ी चुनौती के बीच मोदी सरकार का आम बजट सोमवार यानी 1 फरवरी को पेश किया गया। इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य क्षेत्र से लेकर बुनियादी ढांचे तक कई ऐलान किए। इसके साथ ही, 75 साल के अधिक आयुवर्ग के सीनियर सिटीजन को राहत देते हुए टैक्स दाखिल करने से छूट दे दी। कृषि क्षेत्र पर भी वित्त मंत्री का काफी जोर रहा। लेकिन, उनके इस बजट से अगर किसी को सबसे ज्यादा मायूसी हाथ लगी तो वो है मीडिल क्लास। मध्यम वर्ग को उम्मीद थी कि काफी समय से टैक्स में छूट नहीं मिली है, उस पर उन्हें इस बार रियायत मिल सकती है। लेकिन, उनके लिए मोदी सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। आइये जानते हैं निर्मला सीतारमण की तरफ से पेश बजट को लेकर वो क्या हैं बड़े ऐलान:-
महंगा होगा पेट्रोल-डीजल पर सेस : मोदी सरकार की तरफ से पेश किए गए बजट 2021 में पेट्रोल ढाई रुपये तो वहीं दूसरी तरफ डीजल पर 4 रुपये का कृषि सेस लगाने का फैसला किया है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस सेस का उपभोक्ताओं पर असर नहीं पड़ेगा और यह सेस कंपनियों को देना पड़ेगा। दूसरी तरफ, मीडिल क्लास को आयकर छूट में किसी तरह की कोई रियायत नहीं दी गई है।
बीमा क्षेत्र में FDI की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 % का प्रस्ताव : इस बार के बजट में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को बढ़ाकर सरकार ने 74% करने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पहली बार कागज रहित बजट पेश करते हुए कहा कि सभी वित्तीय उत्पादों के लिए निवेशक चार्टर पेश किया जाएगा। यह सभी वित्तीय निवेशकों का अधिकार होगा।
75 वर्ष से अधिक आयु के सीनियर सिटीजन को टैक्स आयकर से राहत : निर्मला सीतारमण की तरफ से पेश किए गए आम बजट में 75 साल से अधिक आयुवर्ग के ऐसे सीनियर सिटीजन को राहत दी गई है जिनकी आयु का स्त्रोत सिर्फ पेंशन और ब्याज वाली है। उन्हें अब आयकर दाखिल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही, आयकर आकलन मामलों को फिर से खोले जाने की समय सीमा 6 साल से घटा कर 3 साल कर दी।
मोबाइल, चार्ज महंगा लेकिन सोना-चांदी सस्ता : मोदी सरकार की तरफ से पेश बजट में मोबाइल उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी ढाई फीसदी बढ़ा दी गई है इसके बाद मोबाइल खरीदने वालों को इस बजट से झटका लगा है और उन्हें पहले के मुकाबले अब ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे जबकि, तांबा और स्टील पर कस्टम ड्यूटी को कम किया गया है. इसके साथ ही, सोना-चांदी पर भी कस्टम ड्यूटी को कम किया गया है। जानकारों का यह कहना है कि मोबाइल पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ने की वजह देश में इसके उत्पादन को बढ़ावा देना है।
डिजिटल भुगतान के लिए 1500 करोड़ का प्रस्ताव : निर्मला सीतारमण की तरफ से पेश किए गए बजट में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल लेन-देन को और बढावा देने के लिये मैं 1500 करोड़ रूपये की योजना का प्रस्ताव रखती हूं जिससे डिजिटल भुगतान को बढावा देने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में डिजिटल भुगतान में कई गुना वृद्धि हुई है।
कोरोना वैक्सीन के लिए 35000 करोड़ : केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के लिए आम बजट पेश करते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कोरोना टीके को लेकर 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर और पैसे देने को लेकर वह प्रतिबद्ध हैं। निर्मला ने कहा कि भारत पहले ही कोविड-19 के 2 टीकों के इस्तेमाल की मंजूरी दे चुका है और जल्दी हो 2 और टीके देश को मिल सकते हैं।
देश में पहली बार होगी डिजिटल जनगणना : निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि पहली बार देश में डिजिटल जनगणना होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए 3,726 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। निर्मला ने कहा कि सरकार ने संविदा विवादों के त्वरित निस्तारण के लिए सुलह की प्रणाली स्थापित की है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार एक राष्ट्रीय भाषा अनुवाद पहल पर भी काम कर रही है।
रेलवे को 1 लाख 10 हजार 55 करोड़ का प्रस्ताव : रेलवे के क्षेत्र में सुधार और आधुनिकीकरण के लिए रिकॉर्ड 1 लाख 10 हजार 55 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है, जिनमें 1 लाख 7 हजार 100 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर खर्च किए जाएंगे। निर्मला ने कहा कि साल 2023 के दिसंबर तक देश में सभी ब्रॉड गेज रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया जाएगा।
उज्जवला योजना के बढ़ेंगे लाभार्थी : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि उज्ज्वला योजना (मुफ्त रसोई गैस) का विस्तार कर इसमें एक करोड़ और लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कोरोना संकट के दौरान ईंधन की आपूर्ति निर्बाध जारी रखी गई। निर्मला ने आगे कहा कि घरों में पाइप के जरिए गैस पहुंचाने और वाहनों को सीएनजी मुहैया कराने के सिटी गैस वितरण नेटवर्क का विस्तार कर 100 और जिलों को इसके दायरे में लाया जाएगा।
2 हजार करोड़ रुपये 7 बंदरगाह परियोजनाओं के लिए : केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से 7 बंदरगाह परियोजनाओं की घोषणा की। निर्मला ने कहा कि उन्होंने पीपीपी मोड के जरिए 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से 7 बंदरगाह परियोजनाओं का प्रस्ताव किया है। इस समय भारत में 12 प्रमुख बंदरगाह हैं जो केन्द्र सरकार के नियंत्रण में हैं।
राजकोषीय और स्वास्थ्य मद पर खर्च …स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च 137 प्रतिशत बढ़ाकर 2.23 लाख करोड़ रुपये किया गया।
एक अप्रैल से शुरू अगले वित्त वर्ष में कोरोना वैक्सीन के लिये 35,000 करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान।
देश में कोरोना से बचाव के लिये दो वैक्सीन उपलब्ध, दो और वैक्सीन जल्दी ही जारी किए जाएंगे।
अगले वित्त वर्ष में पूंजी व्यय उल्लेखनीय रूप से बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपये किया गया जो चालू वित्त वर्ष में 4.39 लाख करोड़ रुपये था।
चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटा 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जो बजटीय अनुमान 3.5 प्रतिशत से कहीं अधिक है।
अगले वित्त वर्ष के लिय राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान. सरकार 12 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेगी।
सरकार 2025-26 तक राजकोषीय घाटा 4.5 प्रतिशत के नीचे लाने को लेकर प्रतिबद्ध।
कर प्रस्ताव: 75 साल से अधिक के वरिष्ठ नागिरकों के लिये आईटीआर (आयकर रिटर्न) भरना अनिवार्य नहीं, बैंक टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटेंगे।
आयकर मामलों को दोबारा से खोलने के लिये समयसीमा आधा कर 3 साल किया गया।
गंभीर धोखाधड़ी मामलों में यह 10 साल है।
आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या बढ़कर 2020 में 6.48 करोड़ हुई जो 2014 में 3.31 करोड़ थी।
सोना, चांदी डोर बार (सोने और चांदी की मिश्र धातु) पर कृषि बुनियादी ढांचा उपकर 2.5 प्रतिशत, सेब पर 35 प्रतिशत लगाया गया।\बजट में काबुली चना पर 30 प्रतिशत, मटर पर 10 प्रतिशत, बंगाल चना पर 50 प्रतिशत, मसूर पर 20 प्रतिशत, कपास पर 5 प्रतिशत पर कृषि बुनियादी ढांचा उपकर. …पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर का उपकर लगाया गया।
नया कृषि बुनियादी ढांचा विकास उपकर दो फरवरी से लागू होगा।
कर विभाग प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को दोहरे कराधान से होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिये नियमों को अधिसूचित करेगा. स्टार्टअप के लिये कर अवकाश, पूंजीगत-लाभ कर छूट एक साल के लिये बढ़ायी गयी।
…विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों, प्रवासी मजदूरों के लिये अधिसूचित सस्ते मकान के लिये कर छूट।
सस्ते मकान के लिये ब्याज भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की छूट एक साल के लिये बढ़ायी गयी।
डिजिटल तरीके से अपना ज्यादातर काम करने वाली कंपनियों के लिये कर ऑडिट छूट की सीमा दोगुना कर 10 करोड़ रुपये किया गया।
सीमा शुल्क में पुरानी चार सौ छूटों की समीक्षा का प्रस्ताव, अक्टूबर 2021 से इसपर गहन विचार किया जाएगा।
वाहनों के कुछ कल-पुर्जों, सौर उपकरणों पर सीमा शुल्क बढ़ाया गया।
आबंटन और सुधार: बीमा क्षेत्र में एफडीआई 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया गया।
विनिवेश लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये रखा गया।
जिन कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा, बीपीसीएल, आईडीबीआई बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों तथा एक बीमा कंपनी शामिल हैं. अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी।बजट में 64,180 करोड़ रुपये के आबंटन के साथ आत्मनिर्भर स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया गया।