आचार्य महेन्द्र कृष्ण शर्मा के अनुसार इस साल 19 अगस्त, सोमवार को रक्षाबंधन मनाया जा रहा है। खास बात ये है कि इस बार राखी पर श्रावण पूर्णिमा और सावन सोमवार व्रत का अद्भुत संयोग भी बन रहा है। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का शुभ संयोग भी रहेगा। इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा सुबह 5 बजकर 53 मिनट से आरंभ हो जाएगी, जो दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को दोपहर 01:32 से लेकर रात्रि 09:07 तक रहेगा। इस मुहूर्त में आप भाई को राखी बांध सकती है।
राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 32 मिनट के बाद से लेकर रात्रि 09 बजकर 07 तक रहेगा। इस समय आप अपने भाई को राखी बांध सकती हैं। इस दिन भद्रा का साया सुबह 5 बजकर 53 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा, जिसके चलते इस दौरान राखी बांधने की मनाही है।
जानिए राखी बांधने की पूजा विधि के बारे में
रक्षा बंधन के दिन सुबह स्नान करने के पश्चात भगवान की पूजा करते हैं। इसके बाद रोली, रंग बिरंगी राखी, अक्षत, कुंमकुंम एवं दीप जलकर थाल सजाते हैं। थाली में रंग-बिरंगी राखियों को रखकर उसकी पूजा करते हैं। पहले बहनों को चहिये कि वे राखी को भगवान को अर्पित करें। हिंदू धर्म शास्त्र के मुताबिक, सबसे पहले देवताओं को राखी बांधकर उनको भोग लगाना चाहिए। तत्पश्चात भाइयों को राखी बांधें। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और बहनों को मनवांछित वरदान देते हैं। भाइयों का घर धन-दौलत से भर देते हैं।
आचार्य महेंद्र कृष्ण शर्मा
सबसे पहले राखी भगवान श्री गणेश जी को बांधना चाहिए। उसके बाद एनी देवताओं को जैसे भगवान विष्णु, भगवान शिव,भगवान श्री कृष्ण, भगवान श्री राम, भगवान हनुमान और अपने ईष्ट देव को राखी अर्पित करें के बाद ही भाइयों को राखी बांधें। फिर बहनें भाइयों के माथे पर कुंमकुंम, रोली एवं अक्षत से तिलक करती हैं। इसके बाद भाई की दाईं कलाई पर रेशम की डोरी से बनी राखी बांधती हैं और मिठाई से भाई का मुंह मीठा कराती हैं। राखी बंधवाने के बाद भाई बहन को रक्षा का आशीर्वाद एवं उपहार व धन देता है। बहनें राखी बांधते समय भाई की लम्बी उम्र एवं सुख तथा उन्नति की कामना करती है।अगर बहन बड़ी हो तो भाई को चरण स्पर्श करना चाहिए। राखी बांधने के बाद भाई बहनों को भेंट दें। वहीं राखी के दिन भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं। इस दिन बहन को उपहार में तौलिए या रूमाल गिफ्ट में नहीं देना चाहिए। इसके अलावा फोटो फ्रेम, दर्पण, नुकीली और धारधार चीज नहीं देना चाहिए। ये सभी चीजें अशुभ मानी जातीं हैं।
इस दिन बहनों के हाथ से राखी बंधवाने से भूत-प्रेत एवं अन्य बाधाओं से भाई की रक्षा होती है। जिन लोगों की बहनें नहीं हैं वह आज के दिन किसी को मुंहबोली बहन बनाकर राखी बंधवाएं तो शुभ फल मिलता है। इन दिनों चांदी एवं सोनी की राखी का प्रचलन भी काफी बढ़ गया है। चांदी एवं सोना शुद्ध धातु माना जाता है अतः इनकी राखी बांधी जा सकती है लेकिन, इनमें रेशम का धागा लपेट लेना चाहिए। ब्राह्मण या पंडित जी भी अपने यजमान की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हैं।
आप अपने भाई की कलाई पर राखी या धागा बांधते हैं तो ध्यान रखना है कि राखी या धागे की गांठ तीन होनी चाहिए। तीन गांठों की बहुत अहमियत है। पहली गांठ भाई की लंबी उम्र और सेहत के लिए बांधी जाती है। दूसरी गांठ भाई की सुख-समृद्धि के लिए बांधी जाती है। तीसरी गांठ रिश्ते को मजबूत करती हैं। ये तीन गांठें ब्रह्मा, विष्णु और महेश को भी सम्बोधित करती हैं।
राखी के दिन बहन अपने भाई के माथे पर अक्षत और कुमकुम मिलाकर तिलक करती है। हिंदू धर्म में अक्षत का अर्थ है जिसकी कोई क्षति न हो। भाई को तिलक लगाते समय ध्यान दें कि टूटे चावल का प्रयोग नहीं किया गया जाए। दिशा का रखें ध्यान रक्षाबंधन के दिन वास्तु के अनुसार राखी बांधना शुभ होता है। राखी बांधते समय बहनें इस बात का ध्यान रखें कि भाई का मुख दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए। राखी बांधते समय उत्तर और पूर्व दिशा में मुख होना चाहिए। काले रंग की राखी न बांधे राखी के दिन इस बात का विशेष ध्यान दें कि काले रंग का सूत्र का प्रयोग नहीं होना चाहिए। शास्त्रों में भी माना जाता है कि ये रंग नकाराकत्मकता को दर्शता है।
राखी बांधने का मंत्र: बहनें भाई की कलाई में राखी बांधती हैं। राखी बांधते समय इस मंत्र को जरूर पढ़ना चाहिए।
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वामभि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।