शिमला: राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय शिमला (घंडल) का विवाद थमने के बजाय बढ़ता दिख रहा है। मूलभूत सुविधाओं की खामियों की वजह से जैसे पीने के पानी, खाने की गुणवत्ता और क्लास रूम में सुविधाओं की कमी को लेकर कानून की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं द्वारा सवाल उठाए गये हैं। जिसके चलते छात्रों द्वारा आंदोलन 10 दिन से जारी है। छात्रों का कहना है कि जितनी फ़ीस यूनिवर्सिटी ले रही उसके बदले सुविधाएं न के बराबर दे रही है। छात्रों की मूलभूत सुविधाओं की 13 मांगे है।
यूनिवर्सिटी के छात्रों एसके चौधरी, शिवारमण उज्ज्वल व पाखी जैन का आरोप है कि लाखों की फ़ीस खर्च करने के बावजूद भी उन्हें घटिया खाना दिया जा रहा है और पीने के पानी की भारी किल्लत है। यूनिवर्सिटी हर साला 2 लाख 27 हज़ार 500 रुपए फीस ले रही है लेकिन सुविधाएं न के बराबर है। इंटरनेट की सुविधा भी नहीं है, छात्रावासों के कमरों में पर्दें, पानी और कपड़े धुलाने की सुविधाएं भी नहीं हैं। मेडिकल सुविधा तक यूनिवर्सिटी में मौजूद नहीं है। छात्रों ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी नहीं दुकान चल रही है। यूनिवर्सिटी में 400 छात्रों के लिए मात्र एक बस है। आरटीई तक की सूचना यूनिवर्सिटी नही दे रही है।
बाइट: एसके चौधरी