शिमला: हिमाचल फल, सब्जी एवं पुष्प उत्पादक संघ द्वारा आज एक दिवसीय राष्ट्रीय सेब उत्पादन एवं विदेशी निर्यात-आयात विषय पर कार्यशाला का उद्यान निदेशालय शिमला में आयोजन किया गया। सेमिनार में भारतीय विदेश व्यापार संस्थान के निदेशक अभिजीत दास और कृषि अर्थशास्त्री देवेंद्र शर्मा ने प्रदेश के बागवानों के साथ विषय को लेकर जानकारी दी। अभिजीत दास ने बताया कि विदेशों से आयात हो रहे सेब की वजह से भारत के बागवानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अभिजीत दास ने कहा कि डब्ल्यूटीओ के नियमों अनुसार भारत सरकार केवल 50% कस्टम ड्यूटी लगा सकती है लेकिन भारत के पास एडिशनल ड्यूटी लगाने का अधिकार है जिसमें एन्टी डंपिंग ड्यूटी, एन्टी सब्सिडी ड्यूटी और सेफ गार्ड ड्यूटी है लेकिन सरकार ये तभी लगा सकती है जब सरकार ये साबित कर सके कि विदेशों से आयात कृषि उत्पाद से भारतीय किसानों को नुकसान हो रहा है। सरकार को डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुसार तय15 मीटरों पर आंकड़े एकत्र करना होगा। यह 15 पैमाने दाम, रोजगार, उत्पादन इत्यादि हैं। आंकड़े एकत्र करने के लिए सरकार को किसानों जागरूक करना होगा।
भारत मे 44 देशों से खाद्यान्न उत्पादों का आयात होता है।जिसमें से हाल ही में 16 देशों ने 86 प्रतिशत खाद्यान्न उत्पादों पर आयात शुल्क खत्म करने की भारत से मांग की है जिसमें से 74 % उत्पादों में भारत सहमति जता चुके है जिसमें हिमाचल के सेब भी है जिससे किसान की चिंता बढ़ गई है।
इस अवसर पर मुख्य सचेतक एवं जनमंच संयोजक नरेन्द्र बरागटा ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल में दिल्ली आजादपुर मंडी में बागवानों को आढ़तियों की मनमानी कमिशन से निजात दिलाई तथा दिल्ली सरकार के समक्ष प्रदेश के बागवानों की समस्याओं को समय-समय पर उठाया और उन्हें राहत प्रदान की।
नरेन्द्र बरागटा ने बागवानों द्वारा अमेरिका व चीन से आयात सेब द्वारा उत्पन्न समस्या पर बागवानों से गहन विचार-विमर्श किया और उन्हें आश्वासन दिलाया कि प्रदेश सरकार उनके हितों के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने बागवानों को बताया कि विपणन एवं कीटनाशकों की समस्याओं पर भी सरकार कार्य कर रही है और बागवानों को हर संभव मदद प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बागवानों से आह्वान किया कि वे आधुनिक एवं नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौर में विदेशी सेब का मुकाबला करें और अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ बनाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बागवानों का न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान कर दिया गया है और पराला सब्जी मंडी में सुविधाओं को बेहतर बनाया जा रहा है। नरेन्द्र बरागटा ने प्रगतिशील बागवानों से अनुरोध किया कि वे सीए स्टोर स्थापित करें और बागवानी मिशन द्वारा दिये जा रहे अनुदान का लाभ उठाएं और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएं।