- खबर हैं कि मिल से निकलने वाली चीनी का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी 30 रुपये किलो तय किया गया है। साथ ही करीब 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने की भी तैयारी है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों की मदद के लिए 8 हजार करोड़ से ज्यादा के पैकेज को हरी झंडी दे दी है बुधवार (06 जून) को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने शुगर सेक्टर के राहत पैकेज को मंजूरी दी है। इसके साथ ही खबर हैं कि मिल से निकलने वाली चीनी का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी 30 रुपये किलो तय किया गया है। साथ ही करीब 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने की भी तैयारी है। आपको बता दें कि चीनी मिलों पर 22 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं, अकेले यूपी में ही करीब 13 हजार करोड़ रुपये किसानों के बकाया हैं।
- यूपी में बकाया है 13,000 करोड़
चीनी मिलें गन्ना उत्पादकों का भुगतान करने में असमर्थ हैं क्योंकि चीनी उत्पादन वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में अब तक 3.16 करोड़ टन के रिकॉर्ड उत्पादन के बाद चीनी कीमतों में तेज गिरावट आने से उनकी वित्तीय हालत कमजोर बनी हुई है। देश के सबसे बड़ी गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में ही किसानों का अकेले 13,000 करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना बकाया है।
लागत से कम है चीनी की औसत कीमत
आपको बता दें कि वर्तमान में चीनी की औसत एक्स-मिल कीमत 25.60 से 26.22 रुपये प्रति किलो की सीमा में है, जो उनकी उत्पादन लागत से कम है। केंद्र ने चीनी आयात शुल्क को दोगुना कर 100 फीसदी तक बढ़ा दिया है और घरेलू कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए निर्यात शुल्क को खत्म कर दिया है। उसने चीनी मिलों से 20 लाख टन चीनी निर्यात करने को भी कहा है।
- 2019 चुनाव से पहले किसानों को तोहफा
माना जा रहा है कि सरकार का ये कदम 2019 के आम चुनावों में किसानों को आकर्षित करने के उद्देश्य से लिया गया है। आपको बता दें कि हाल ही में कैराना में हुए उपचुनाव में गन्ना किसानों का भुगतान एक बड़ा मुद्दा बना था. जानकार बताते हैं कि बीजेपी की हार की वजह भी गन्ना किसानों का भुगतान नहीं होना बना था। इस घटना से सबक लेते हुए और 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के देखते हुए सरकार ने गन्ना किसानों के जल्द से जल्द भुगतान के लिए चीनी मिलों को राहत पैकेज की घोषणा की है।