“हिमाचल” देश का प्रथम ‘बाह्य शौचमुक्त’ राज्य घोषित

शिमला: ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के उददेश्य को पूरा करते हुए हिमाचल प्रदेश को बड़े राज्यों की श्रेणी में देश का पहला बाह्य शौचमुक्त राज्य घोषित किया गया। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह आज यहां होटल पीटरहॉफ में आयोजित एक समारोह में पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश को देश का पहला पूर्णत बाह्य शौचमुक्त राज्य घोषित करने पर गौरवान्वित दिखाई दिए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नडडा तथा भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय से परमेश्वरन अय्यर भी शामिल हुए। समारोह का आयोजन ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री ने राज्य में इस उपलब्धि को हासिल करने के राज्य सरकार के मिशन में सहयोग के लिए लोगों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों के सहयोग के बिना यह संभव नहीं था।

  •  देश एक है और इसे विकास के मार्ग पर आगे ले जाने के लिए हमारी सरकार राज्य के लोगों के कल्याण के लिए केन्द्रीय वित्त पोषित योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध : वीरभद्र सिंह

समारोह में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए वीरभद्र सिंह ने कहा कि हालांकि सिक्किम राज्य बाह्य शौचमुक्त बनने की उपलब्धि हासिल करने वाला पहला राज्य है, लेकिन यह छोटे राज्यों की श्रेणी में हैं। उन्होंने कहा कि केरल राज्य बाह्य शौचमुक्त राज्य घोषित होने की दौड़ में शामिल है लेकिन हम सौभाग्यशाली हैं कि हमने केरल को पछाड़ते हुए बड़े राज्यों की श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि केरल को 4 दिनों के उपरांत पहली नवम्बर को ‘केरल दिवस’ के अवसर पर बाह्य शौचमुक्त घोषित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केन्द्रीय ग्रामीण मंत्री से उनके व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद इस अवसर पर हमारे साथ उपस्थित रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वे हमेशा ही चाहते थे कि हमारा राज्य बड़े राज्यों में सबसे पहले बाह्य शौचमुक्त बने। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि हमने इस उपलब्धि को निर्धारित तिथि मार्च 2016 से पूर्व हासिल कर लिया और हम भविष्य में भी इस स्थान को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बल देते हुए कहा कि इस अभियान को जारी रखना अब अधिक महत्वपूर्ण है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वच्छता बनाए रखने पर हमेशा ही जोर देते हुए कहा था कि ईश्वरभक्ति तथा आजादी के बाद हमारे लिए स्वच्छता महत्वपूर्ण है जो हमारे लिए हमेशा ही प्रेरणा का स्रोत रही है। उन्होंने कहा कि गांधी जी के लिए लोगों के जीवन में स्वच्छता का पैमाना उनके शौचालयों की स्थिति था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य केन्द्रीय वित्त पोषित विकास कार्यक्रमों तथा नीतियों के क्रियान्वयन में केन्द्र सरकार के साथ पूर्ण सहयोग करता है और हमेशा करेगा। उन्होंने कहा कि देश एक है और इसे विकास के मार्ग पर आगे ले जाने के लिए हमारी सरकार राज्य के लोगों के कल्याण के लिए केन्द्रीय वित्त पोषित योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है।

  • तोमर ने की हिमाचल को बाह्य शौचमुक्त बनाने की पहल एवं सोच के लिए राज्य सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्रयासों की सराहना

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी हिमाचल को बाह्य शौचमुक्त बनाने की पहल एवं सोच के लिए राज्य सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि हिमाचल प्रदेश शीघ्र ही ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा प्रबन्ध के निदान में भी अग्रणी बनेगा। उन्होंने हिमाचल को सर्वाधिक प्रगतिशील राज्य बनाने तथा जैव निस्तारण तकनीक अपनाकर सामुदायिक भागीदारी से संचालित संपूर्ण स्वच्छता अभियान के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी।

  • नड्डा ने दी निर्धारित समय सीमा से 6 माह पहले इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए राज्य को बधाई

इस अवसर पर बोलते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तथा केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की उपस्थिति में निर्धारित समय सीमा से 6 माह पहले इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए राज्य को बधाई दी। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा आरम्भ किए गए व्यापक अभियान की सराहना करते हुए नडडा ने कहा कि यह गौरव की बात है कि हिमाचल बड़े राज्यों की श्रेणी में बाह्य शौचमुक्त बनने वाला पहला राज्य बना है। उन्होंने कहा कि अंतिम पड़ाव को पार करना बहुत मुश्किल कार्य है और उन्होंने राज्य सरकार के अभियान के तरीके की सराहना की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार हिमाचल सरकार के अनुभवों तथा उनके द्वारा अपनाए गए स्थायी तंत्र को सांझा करेगी। उन्होंने निकट भविष्य में जल जनित रोगों की रोकथाम के लिए राज्य सरकार के साथ एक संयुक्त कार्यक्रम शुरू करने की भी ईच्छा जताई।

ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ओंकार शर्मा ने इस अवसर पर जानकारी दी कि राज्य के सभी 12 जिले, 78 विकास खंड, 3226 पंचायतें तथा 18,465 गांव को बाह्य शौचमुक्त किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा सूचना, शिक्षा एवं संप्रेषण कार्यक्रमों को संपूर्ण स्वच्छता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए  28 सितम्बर से 20 अक्तूबर, 2016 तक आवश्यक बल प्रदान किया गया जिसके परिणामस्वरूप राज्य को बाह्यशौचमुक्त बनाने की दिशा में आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए। मण्डलायुक्तों, समस्त उपायुक्तों तथा खण्ड विकास अधिकारियों, फील्ड राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों को संबंधित क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान में गहन पहल के लिये प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह के साथ सम्मानित किया गया।

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