मुख्यमंत्री ने दिए छिंगुट ग्रामवासियों को नौतोड़ भूमि उपलब्ध करवाने के निर्देश

  • जिला प्रशासन को विद्युत कुनेक्शन बहाल करने के भी निर्देश
  • मयाड़ घाटी में पुलों के निर्माण कार्य को दी जाएगी सर्वोच्च प्राथमिकता

शिमला : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज लाहौल-स्पिति जिला प्रशासन को छिंगुट ग्रामवासियों को नौतोड़ जमीन उपलब्ध करवाकर पुनः स्थापित करने के निर्देश दिए, जहां 14 अगस्त, 2014 को बादल फटने कारण आई बाढ़ से पूरा गांव बह गया था। मुख्यमंत्री आज 1.67 करोड़ रुपये की लागत से मयाड़ खड्ड पर तिंग्रीट में बने पुल का उद्घाटन करने के उपरान्त छालिंग में एक जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। वीरभद्र सिंह ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित कुछ गांव के लोगों ने मजबूरी के कारण सरकारी भूमि पर कब्जा किया है। उन्होंने जिला प्रशासन को उनके विद्युत कुनेक्शन बहाल करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला तिंग्रीट में आगामी शैक्षणिक सत्र से विज्ञान कक्षाएं आरम्भ करने तथा राजकीय माध्यमिक पाठशाला करपाट को उच्च पाठशाला में स्तरोन्नत करने की घोषणा की। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तिंग्रीट में एम्बुलेंस सेवाएं आरम्भ करने की भी घोषणा की और छिमरेट पंचायत के तहत आने वाले गांव की सुविधा के लिए वीएसएटी मोबाईल टावर लगाने का भी आश्वासन दिया। वीरभद्र सिंह ने कहा कि मयाड़ घाटी में पुलों के निर्माण कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को वर्तमान सड़कों के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने मयाड़ घाटी के अन्तिम गांव के खंजर पुल के कार्य में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लाहौल घाटी की कुल 28 पंचायतों में से पहले ही 27 पंचायतों को सड़क सुविधा से जोड़ा जा चुका है। शेष बची नालदा पंचायत को शीघ्र ही सड़क सुविधा से जोड़ा जाएगा, जहां पुल का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने उदयपुर में 1.90 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इण्डोर व्यायामशाला तथा 1.44 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित करपट पुल का लोकार्पण किया। वीरभद्र सिंह ने उदयपुर में 1.37 करोड़ रुपये की लागत से लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह की वीआईपी भवन का भी लोकार्पण किया। उन्होंने थिरोट, जलमा, शानसा, लोटे व थलौंग गांव का दौरा कर लोगों की समस्याओं को सुना और प्रशासन को उनकी मांगों का शीघ्र समाधान करने के निर्देश दिए।

इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री ने उदयपुर में जनसभा को सम्बोधित करते हुए राजकीय उच्च पाठशाला सलग्रां को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने, सलपट-2 गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की घोषणा की। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सलग्रां पर बन रहे पुल के निर्माण कार्य को एक माह में पुरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने त्रिलोकीनाथ स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हिंसा में आगामी शैक्षणिक सत्र से विज्ञान कक्षाएं आरम्भ करने और राजकीय प्राथमिक पाठशाला अगार (तिंदी) को माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने की घोषणा की। उन्होंने राजकीय पॉलटैक्निक कालेज उदयपुर जिसकी कक्षाएं वर्तमान में सुन्दरनगर से संचालित की जा रही हैं, की कक्षाएं राजकीय महाविद्यालय कुकुमसेरी के भवन में निर्माण हो जाने के उपरान्त आरम्भ कर दी जाएंगी।

वीरभद्र सिंह ने उदयपुर से वाया साच दर्रा होते हुए चम्बा के लिए पुनः बस सेवाएं आरम्भ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उदयपुर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। जैसे ही रोहतांग सुरंग आरम्भ होगी तो इस क्षेत्र में हर मौसम में पहुंचा जा सकेगा और भारी संख्या में पर्यटक लाहौल घाटी का दौरा कर सकेंगे। इससे क्षेत्र के लोग आर्थिक रूप से भी सुदृढ़ होंगे। मुख्यमंत्री ने त्रिलोकीनाथ मन्दिर के जीर्णोद्धार के लिए पर्याप्त मात्रा में धन राशि उपलब्ध करवाने की घोषणा की और लोगों को उनकी अन्य मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने उदयपुर को तहसील का दर्जा देने की मांग पर विचार करने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि लाहौल घाटी में जवाहर लाल नेहरू सौर मिशन के तहत 500 सोलर लाईटें स्थापित की गई हैं, जिसके तहत प्रत्येक पंचायत में 17 से 18 लाईटें स्थापित की गई हैं। वीरभद्र सिंह ने इसके उपरान्त केलांग में रेडक्रॉस मेले का भी शुभारम्भ किया। विधायक एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जन जाति आयोग के अध्यक्ष रवि ठाकुर ने क्षेत्र मांगों बारे मुख्यमंत्री को अवगत करवाया।

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