महिला एवं बाल विकास के तहत होंगे 404 करोड़ व्ययः शांडिल

प्रदेश में 18925 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन

प्रदेश में 18925 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन

शिमला: महिला एवं बाल विकास द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत इस वित वर्ष में 404.47 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल ने यह जानकारी आज राष्ट्रीय पोषाहर दिवस का शुभारंभ करते हुए राजकीय वरिष्ठ कन्या विद्यालय पोर्टमोर में दी। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त डी के रतन, प्रधानाचार्य पोर्टमोरी स्कूल नीशा बलुनी, सहायक निदेशक बाल विकास विभाग सीमा ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश भारद्वाज, सीडीपीओ शिमला ममता पाल, ठियोग अनीता नेगी, रोहड़ू गुमान सिंह व अन्य क्षेत्रों के सीडीपीओ भी उपस्थित थे।

उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्रदेश में 18925 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष लगभग 4 लाख 45 हजार बच्चों व 1 लाख 2 हजार 114 गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पूरक पोषाहार प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महिलाओं के सशक्तिकरण एवं स्वावलंबन के लिए कई अन्य योजनाएं विभाग द्वारा चलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 25 बाल बालिका गृहों के माध्यम से अनाथ बेसहारा बच्चों को भोजन, वस्त्र, स्वास्थ्य, शिक्षा, कैरियर मार्गदर्शन और व्यावसायिक प्रशिक्षण इत्यादि की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। कामकाजी महिलाओं को सस्ती एवं आवासी सुविधा प्रदान करने के लिए राज्य में 14 कामकाजी महिला छात्र आवासों का निर्माण किया गया है।

इस अवसर पर उन्होंने बेटी है अनमोल योजना के अंतर्गत प्रथम चरण के 25 लाभार्थियों को चैक भी भेंट किए। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए 11 हजार रुपये व पोर्टमोर स्कूल की छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए 5100 रुपये देने की घोषणा की।

स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष राष्ट्रीय पोषाहार सप्ताह 1 से 7 सितम्बर तक : मानसी सहाय

इस अवसर पर निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग मानसी सहाय ठाकुर ने बताया कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष राष्ट्रीय पोषाहार सप्ताह 1 से 7 सितम्बर तक मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष राष्ट्रीय पोषाहार सप्ताह का विषय लाईफ साईकल एप्रोच फॉर बैटर न्यूट्रिशियन रखा गया है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए महिला एवं बाल विकास निदेशालय द्वारा आंगनबाड़ी ब्लॉक जिला एवं राज्य स्तर पर जागरूकता शिविर, प्रदर्शनियां, कठपुतली शो, व्याख्यान व अन्य प्रदर्शन कार्यक्रम के अतिरिक्त पौष्टिक व्यंजनों को बनाने की प्रतियोगिताएं, पोषाहार संबंधी प्रश्नोत्तरी आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने शिशुओं एवं बच्चों के आहार के सही मानकों को अपनाने हेतु समाज में जागरूकता लाने के लिए सभी से सहयोग की अपील की।

इस अवसर पर आईजीएमसी की कॉम्यूनिटी मेडिसिन विभाग की डॉ. अंजली महाजन ने पोषाहार से संबंधित आवश्यक जानकारी महिलाओं को उपलब्ध करवाई।

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