शिमला हुआ शर्मसार… मासूम “युग” को जिन्दा मार आए…फिर हमदर्द बन करते रहे तलाश

  • नगर निगम बीस दिनों के भीतर दे प्रश्नों का जवाब : उपायुक्त

उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने नगर निगम शिमला को एक पत्र भेजकर जवाब माँगा है है कि क्या वर्ष 2014 से लेकर टैंक दो मर्तबा साफ

नगर निगम बीस दिनों के भीतर दे प्रश्नों का जवाब : उपायुक्त

नगर निगम बीस दिनों के भीतर दे प्रश्नों का जवाब : उपायुक्त

हुआ। अगर हां, तो इस संदर्भ में जांच होनी चाहिए कि इसमें किसकी जवाबदेही सुनिश्चित हो। उपायुक्त ने इसे गंभीर विषय बताते हुए लिखा है कि बीस दिनों के भीतर इन प्रश्नों का जवाब उनके कार्यालय को मिल जाना चाहिए। उन्होंने पत्र में कहा है कि उनके कार्यालय को जांच रिपोर्ट भी प्रेषित की जाए। साथ ही कहा है कि नगर निगम को इस विषय पर कड़ी कार्यवाही करनी होगी।

 

  • कहीं रोष प्रदर्शन, तो कहीं कैंडल मार्च
कहीं रोष प्रदर्शन, तो कहीं कैंडल मार्च

कहीं रोष प्रदर्शन, तो कहीं कैंडल मार्च

वहीं राजधानी शिमला के कई हिस्सों में रोष प्रदर्शन किया जा रहा है तो कहीं कैंडल मार्च निकाला जा रहा है। हिमाचल जैसे शांत प्रदेश में हुई

कहीं रोष प्रदर्शन, तो कहीं कैंडल मार्च

कहीं रोष प्रदर्शन, तो कहीं कैंडल मार्च

एक मासूम बच्चे की निर्मम हत्या को लेकर कारोबारियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा दिखने को मिल रहा है। प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई जा रही है। कारोबारियों की मांग है कि दोषियों को ऐसी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई ऐसी घटना को अंजाम देने की सोच भी न सके। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि हत्यारों को ऐसी सजा दी जानी चहिये कि फिर कभी कोई ऐसा कुकर्म करना तो दूर, सोचने की भी हिम्मत न कर सके।

  • तीनों आरोपियों को साथ लेकर जाँच में जुटी सीआईडी टीम

युग हत्याकांड के तीनों आरोपियों की जांच कर रही सीआईडी टीम एक के बाद एक हर आपराधिक स्थल पर लेकर गई जहां उन्होंने युग

तीनों आरोपियों को साथ लेकर जाँच में जुटी सीआईडी टीम

तीनों आरोपियों को साथ लेकर जाँच में जुटी सीआईडी टीम

का अपहरण किया और फिर आठ दिन के बाद उसे मार कर फेंक दिया। जिस पानी टैंक में युग को फेंका था वहां की भी शिनाख्त करवाई गई। लगभग पांच घंटे तक टीम आरोपियों को लेकर शहर में क्राइम सीन का रीक्रिएशन करती रही। इस दौरान मौके की वीडियोग्राफी भी की गई। सीआईडी टीम रामचंद्र चौक के पास नवबहार स्थित उस एचआईजी फ्लैट नं. 22 में पहुंची जहां युग को रखा था। एक फ्लैट एकांत में है। यहां आरोपियों ने दिखाया कि वह युग को कैसे बेड बाक्स में बंद रखते थे और कब उसे जबरन शराब पिलाते थे। बेड बाक्स के अलावा उन्होंने फ्लैट में किस-किस हिस्से में उसकी वीडियो क्लिप बनाई और फोटो शूट किए। यहां से टीम चौड़ा मैदान के उस हिस्से में पहुंची जहां से पत्थर उठाया था। चौड़ा मैदान और समरहिल के उन पोस्ट आफिस के बारे में भी आरोपियों ने बताया जहां पर वह फिरौती वाले पत्र पोस्ट करते थे। टीम तीनों आरोपियों को लेकर कलेस्टन में उस जगह पहुंची जहां पेयजल टैंक में युग को फेंका था। यहां तजिंदर और चंद्र ने कहा कि उन्होंने टैंक के समीप इस जगह गाड़ी खड़ी की थी। लेकिन विक्रम ने दूसरी जगह गाड़ी पार्क करने की बात कही। इसके बाद एक टीम तजिंदर और विक्रांत बख्शी को लेकर भराड़ी थाने लौट गई जबकि एक टीम चंद्र शर्मा को लेकर शोघी निकल गई। तीनों को कड़ी सुरक्षा के बीच हवालात में बंद कर दिया गया। आरोपी अभी रिमांड पर चल रहे हैं, इन्हें शनिवार को जिला कचहरी में पेश किया गया। अब सीजेएम की अदालत ने आरोपियों को आठ सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 

नन्हा युग पूरे शिमला का नहीं अब पूरे हिमाचल व पूरे देश का बेटा बन गया है। उसे न्याय दिलाने की ये जंग अब रूकनी नहीं चाहिए। उस मासूम की दर्द से कहराने की चीखें, अपने माता-पिता व बहनों के बिना युग ने जो पल जिन खौफनाक दरिदों के साये में दरिंदगी की यातनाएं सहते हुए बिताए और आखिर में दर्दनाक घाव देकर उस मासूम की जान ली, ऐसे दरिदों को कभी भी बख्शा नहीं जाना चाहिए। आज पूरा शहर युग के माता-पिता के साथ युग को न्याय दिलाने के लिए खड़ा है। लेकिन ये लड़ाई दो दिन, हफ्ते या महीने भर की नहीं होनी चाहिए। ये जंग तब तक लड़ी जानी चाहिए जब तक उस मासूम के माता-पिता को न्याय नहीं मिल जाता और उन दरिदों को उनके गुनाह की सख्त से सख्त सजा।

 

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