विद्युत आपूर्ति व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए खर्च होंगे 32.42 करोड़

जिला स्तरीय विद्युत कमेटी की बैठक

दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

शिमला: दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत विद्युत आपूर्ति व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए हिमाचल प्रदेश में फरवरी, 2018 तक 158.33 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके तहत जिला शिमला में 32.42 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह जानकारी आज बचत भवन में आयोजित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की जिला स्तरीय विद्युत कमेटी बैठक की अध्यक्षता करते हुए सांसद वीरेंद्र कश्यप ने दी। बैठक में कमेटी के सदस्य विधायक सुरेश भारद्वाज और जिला परिषद अध्यक्ष धर्मिला हरनोट भी उपस्थित थीं।

वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि इस योजना के तहत 85 फीसदी धनराशि केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत विद्युत आपूर्ति का सुदृढ़ीकरण, बोल्टेज में सुधार और विभिन्न चरणों में विद्युत के नुकसान को कम करने के लिए व्यापक सुधार किए जाएंगे। इसके साथ-साथ एरियल बंचड केवल लगाए जाएंगे, 11केवी व 22केवी की नई लाईन बिछाई जाएगी, एलटी लाईन एवी केवल व कंडक्टर के द्वारा डाली जाएगी, नए डिस्ट्रब्यूशन ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे, 11 हजार विद्युत मीटर बदले जाएंगे और अन्य स्तरों पर भी व्यापक सुधार किया जाएगा। सांसद ने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना विद्युत आपूर्ति की दिशा में बहुत ही महत्वकांक्षी पहल है और इसके तहत मई, 2018 तक देशभर में 18 हजार 574 गांव में विद्युतिकरण सुनिश्चित किया जाएगा। इस योजना के तहत विस्तृत योजना तैयार कर कार्यान्वयन किया जा रहा है।

विधायक सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला के लोअर बाजार और अन्य क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की तारों/केबल को सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए, क्योंकि कई स्थानों पर बहुत से विद्युत केबल इकठ्ठे हो चुके हैं और उनसे किसी तरह की हानि का अंदेशा भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि जाखू मंदिर की ओर जाने वाली सड़क में टिटला होटल से जाखू मंदिर परिसर तक रौशनी की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि राहगीरों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि शिमला नगर में गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति बनाए रखने के लिए व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जाना चाहिए।

धर्मिला हरनोट ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की सुचारू आपूर्ति और कम बोल्टेज की समस्या को हल करने के लिए और ट्रांसफार्मर स्थापित किए जाने चाहिए। इस अवसर पर बैठक के समन्वयक व अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी डी के रतन ने विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। एसई, एचपीएसईबीएल पंकज डढवाल ने कहा कि इस योजना के तहत शिमला में बांउडरी मीटर लगाएं जाएंगे और विद्युत आपूर्ति के नुकसान का आकलन करने के लिए भी तकनीकी व्यवस्था तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना के समयबद्ध पूरा होने से पांच प्रतिशत प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का भी प्रावधान है। इस अवसर पर एचपीएसईबी के एक्सईएन रूमेल सिंह, एचके शर्मा, आरसी नेगी, जफर इकबाल, एसडीओ राजेंद्र ठाकुर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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