समुद्री रास्ते से भारत आने का अभी सही समय’ : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने किया मुंबई में सामुद्रिक भारत सम्मेलन का उद्घाटन
प्रधानमंत्री ने दिया वैश्विक सामुद्रिक क्षेत्र में भारत की स्थिति को बहाल करने के सरकार के संकल्प पर जोर
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मुंबई में सामुद्रिक भारत सम्मेलन का उद्घाटन किया और वैश्विक सामुद्रिक क्षेत्र में भारत की स्थिति को बहाल करने के सरकार के संकल्प पर जोर दिया। उन्होंने कहा ‘हम भारतीय एक गौरवशाली सामुद्रिक विरासत के उत्तराधिकारी हैं। विश्व का पहला बंदरगाह हड़प्पा सभ्यता के दौरान गुजरात के लोथल में बना था। अपनी गौरवशाली सामुद्रिक परंपरा के अनुरुप, हम इस क्षेत्र में नई ऊंचाइयां अर्जित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।‘
सामुद्रिक परिवहन के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी जीवन शैली, परिवहन प्रणालियां और व्यापारिक व्यवहार समुद्रों की पारिस्थितकी प्रणाली को नष्ट न करे। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता डा. बाबा साहेब अंबेडकर, जिनकी 125वीं जयंती के दिन सामुद्रिक भारत सम्मेलन का उद्घाटन किया जा रहा है, भारत में जल एवं नौपरिवहन नीति के भी निर्माता थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि 7500 किमी की भारत का विशाल तटीय क्षेत्र निवेश का एक विशाल अवसर मुहैया कराता है। मोदी ने कहा ‘तटीय क्षेत्र की लंबाई के अतिरिक्त, भारत की सामुद्रिक क्षमता सभी अहम जहाजरानी राजमार्गों पर इसके सामरिक स्थल में भी निहित है। इसके अतिरिक्त, हमारे पास एक विस्तृत एवं उत्पादक अंतर्क्षेत्र है जिसके भीतर बड़ी नदियों का एक नेटवर्क प्रवाहित होता है।‘
प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत व्यवसाय करने की सरलता को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि भारत की योजना आर्थिक विकास को दिशा देने के लिए बंदरगाह क्षेत्र में एक ट्रिलियन रुपये (एक लाख करोड़ रुपये) का निवेश जुटाने की है। मोदी ने कहा कि निर्यात आयात व्यापार की बढ़ती मांग, जिसमें तेजी से बढ रही भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुपात में बढोतरी होगी, की पूर्ति के लिए पांच नए बंदरगाहों के निर्माण की योजना बनाई गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बंदरगाहों को आधुनिक बनाना चाहता है और उसे एसईजेड, बंदरगाह आधारित स्मार्ट सिटीज, औद्योगिक पार्क, वेयरहाउस, लॉजिस्टिक्स पार्क के साथ समेकित करना चाहता है। मोदी ने कहा कि जहाजरानी मंत्रालय सामुद्रिक क्षेत्र में निवेश अवसरों के साथ 250 परियोजनाओं को प्रदर्शित कर रहा है। इन परियोजनाओं में 12 बड़े बंदरगाहों, आठ सामुद्रिक राज्यों एवं अन्य एजेंसियों में परियोजनाओं में विभिन्न ढांचागत विकास अवसर शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने बंदरगाह क्षेत्र से जुड़े लोगों को यह जानकारी भी दी कि भारत व्यापक रूप से तटीय जहाजरानी को बढ़ावा दे रहा है और देश में 14,000 किमी नौगम्य अंतर्देशीय जलमार्ग का विकास कर रहा है। मोदी ने जोर देकर कहा कि ‘ मेरी सरकार ढांचागत क्षेत्र में एकीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। हम निवेशकों के लिए एक सक्षमकारी माहौल का सृजन करने के लिए तथा खुले दिमाग के साथ निवेशों को सुगम बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।‘
मोदी ने कहा ‘ मैं वैश्विक व्यवसायी समुदाय से बंदरगाह केंद्रित विकास की हमारी प्रक्रिया को आकार देने में साझीदार बनने के लिए आमंत्रित करता हूं। मुझे भरोसा है कि विविध तटीय क्षेत्रों के साथ भारत की लंबी तटीय रेखा और कड़ी मेहनत करने वाले तटीय समुदाय भारत के विकास के वाहक बन सकते हैं।
इस अवसर पर, दक्षिण कोरिया के समुद्र एवं मत्स्य मंत्री किम युग सुक ने बंदरगाह क्षेत्र को खोलने में भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया, जिसके पास बंदरगाह एवं जहाजरानी क्षेत्र में उल्लेखनीय विशेषज्ञता है, भारत को इसके बंदरगाहों को आधुनिक बनाने एवं जहाजरानी उद्योग को विकसित करने में मदद करने के लिए तैयार है। केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने सामुद्रिक क्षेत्र के महत्व के बारे में तथा किस प्रकार प्रधानमंत्री की बंदरगाह केंद्रित विकास की योजना बंदरगाहों एवं जल परिवहन ढांचागत क्षेत्र को रूपांतरित कर रही है, के बारे में बताया।
इससे पूर्व, प्रधानमंत्री ने जहाज के आकार में निर्मित्त सामुद्रिक विरासत संग्रहालय का भी दौरा किया एवं बंदरगाह एवं जहाजरानी क्षेत्र के शीर्ष वैश्विक सीईओ के साथ भी मुलाकात की।