कांग्रेस शासित नगर निगम शिमला ने किया अपना पहला बजट पेश..

शिमला: कांग्रेस शासित नगर निगम शिमला ने अपना पहला बजट पेश किया है। निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने अपना 247.24 करोड़ का बजट गुरुवार को पेश कर दिया। पार्षद प्राथमिकता के तहत पार्षद अब अपने अपने वार्ड में 15 लाख रुपए तक के कार्य करवा सकेंगे। पार्षद प्राथमिकता के लिए पार्षद निधि के अलावा अलग से प्रावधान किया जाएगा। इस राशि से पार्षद अपने वार्ड में प्राथमिकता के आधार पर होने वाले विकास कार्य को करवा सकेंगे।

शहर वरिष्ठ नागरिकों के मेडिकल टेस्ट के लिए नगर निगम घर से ही सैंपल एकत्र करेगा। इससे वरिष्ठ नागरिकों को सैंपल देने के लिए लैब तक नहीं जाना पड़ेगा। शहर के वरिष्ठ नागरिकों को चिकित्सा टेस्ट करवाने के लिए घर बैठे सैंपल देने की सुविधा दी जाएगी। नगर निगम यह सुविधा निशुल्क देगा। दिव्यांग लोगों को भी निगम न्यूनतम दर पर मांग के अनुसार यह सुविधा दे सकता है।

बजट में कई घोषणाएं की गई हैं। जिसमें शहर में पार्किंग, सड़कों को चौड़ा करने, कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने की बात कही गई है। शिमला में आवारा कुत्तों की गणना करवाई जाएगी। आवारा कुतों की नसबंदी और पंजीकरण किया जाएगा।

बजट में शराब पर प्रति बोतल सेस 2 रुपये बढ़ाकर 10 रुपये करने की घोषणा की गई। इसके साथ ही बाहरी राज्यों से राजधानी में आने वाले वाहनों से ग्रीन फीस ली जाएगी। इससे निगम को हर साल 10 करोड़ की आय होगी।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए जाने वाले बजट में शिमला के मालरोड को सुंदर बनाने का जिक्र भी किया गया है। इसके तहत मालरोड की सभी दुकानों में एक जैसे साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। इसके अलावा मालरोड की सुंदरता में दाग लगा रहे विज्ञापन होर्डिंग्स की जगह एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी। इन सक्रीन पर अलग अलग कंपिनयों के विज्ञापन प्रदर्शित किए जाएंगे। इससे जहां नगर निगम शिमला का आय होगी, तो वहीं शहर भी सुंदर बना रहेगा।

नगर निगम शिमला द्वारा डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है। इस सिस्टम से प्रत्येक घर पर क्यूआर कोड लगाया जाएगा। इससे गारबेज कलेक्टर की उस घर के प्रति नगर निगम शिमला में उपस्थिति लग जाएगी। इसके कार्यान्वयन होने से कचरा संग्रहण और उसकी मात्र की और वास्तविक समय में घर-घर पर कचरा संग्रहण की निगरानी हो पाएगी।

नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2024 के बजट में शहर में मेट्रो सर्विलांस केंद्र खोलने का प्रावधान भी किया गया है।

आम लोगों की सुविधा के लिए शहर में तीन थीमेटिक पार्क बनाए जाएंगे। सर्कुलर रोड को होर्डिंग्स फ्री करने के लिए यहां डिजिटल एलईडी स्क्रीनें लगाई जाएंगी। मालरोड के सौंदर्यीकरण के लिए सभी दुकानों में एक जैसे साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। सभी वार्डों में डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएंगी। इसके लिए केंद्र सरकार से करीब 15 करोड़ रुपये का बजट मांगा जाएगा।

अप्रैल के बाद ग्रीन फीस की वसूली शुरू करने की योजना है। नगर निगम ने वीरवार को अपने वार्षिक बजट में बाहरी राज्यों के वाहनों से ग्रीन फीस की वसूली शुरू करने की घोषणा की है।

 वार्डों में वार्ड दफ्तर बनाने की घोषणा होंगे। शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों की सुविधा के लिए पांच चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।

नगर निगम कूड़ा ढोने के लिए भी 15 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदेगा। सभी भवनों की यूनिट आईडी बनाने के लिए इसी साल ड्रोन सर्वे पूरा किया जाएगा।

नगर निगम के अनुसार व्यवस्था लागू होने के बाद यदि कोई सैलानी शिमला में प्रवेश पर ग्रीन फीस नहीं देता है तो उस पर जुर्माने की भी व्यवस्था की जाएगी। हालांकि, जुर्माना कितना रहेगा, यह अभी फाइनल नहीं किया गया है।

शहर में मेट्रो सर्विलेंस सेंटर खोला जाएगा। साथ ही अखिल भारतीय स्थानीय स्वशासन संस्थान खोलने की भी योजना है। स्वयं सहायता समूहों को जूट बैग, जैविक फाइल फोल्डर समेत अन्य कामों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उत्पाद बेचने के लिए जगह दी जाएगी।

वार्डो में टेबल टेनिस कोर्ट बनाने और क्रिकेट के अभ्यास के लिए पिच की सुविधा दी जाएगी। पार्षद इसके लिए स्थान चिह्नित करेंगे।

शहर में अवैध डंपिंग रोकने के लिए नगर निगम भवन निर्माण या अन्य कामों से निकलने वाले मलबे को ठिकाने लगाने के लिए निगम सस्ती दरों पर वाहन सुविधा मुहैया करवाएगा। इसके लिए हेल्पलाइन सेवा शुरू होगी। ढली बाईपास, कनलोग, आईजीएमसी के पास डंपिंग साइट बनाई जाएंगी।

शहरवासियों को सुविधा देने के लिए नगर निगम कई और सेवाएं इसी साल से ऑनलाइन करने जा रहा है। लोग घर बैठे इनका इस्तेमाल कर सकेंगे। इनमें जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र लेने की सुविधा भी ऑनलाइन की जा रही है।

तहबाजारियों के पंजीकरण की सुविधा भी ऑनलाइन की जा रही है। हर घर से कूड़ा उठ रहा है या नहीं, इसके लिए हर घर पर क्यूआर कोड स्कैनर लगाए जाएंगे। सुबह सैहबकर्मी को कूड़ा उठाते वक्त इसे स्कैन करना होगा। इससे निगम को पता रहेगा कि रोजाना कितने घर से कूड़ा उठ रहा है। निगम सदन के लिए स्थान मिलने पर ई-विधान प्रणाली भी लागू करेगा। वाहनों में जीपीएस लगाए जाएंगे।

ग्रीन फीस से होने वाली कमाई का कुछ हिस्सा पर्यावरण सरंक्षण के कामों पर भी खर्च किया जाएगा। ग्रीन फीस की वसूलने के लिए हाईवे पर बैरियर नहीं लगाया जाएगा। मोबाइल एप से फीस ली जाएगी। इसके लिए निगम एक कंपनी से एप तैयार करवा रहा है। जल्द ही एप तैयार की जाएगी।

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