कोहरे व शीतलहर को मध्यनज़र रखते हुए जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

ऊना: जिला में पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ती ठंड को मध्यनज़र रखते हुए जिला प्रशासन ने एडवाज़री जारी की है। एडवाइज़री जारी करते हुए उपायुक्त राघव शर्मा ने कहा कि घटते तापमान को देखते हुए आगामी दिनों में और ठंडी हवाएं/शीतलहर एवं घना कोहरा/धुंध पड़ने के आसार देखे जा सकते हैं। ऐसे में उन्होंने आमजनमास से अपील कि है की अपनी सेहत के प्रति सतर्क रहें। क्योंकि शीतलहर और धुंध खतरनाक साबित हो सकती है।

घना कोहरा एवं धुंध में यातायात सम्बन्धी सलाह

राघव शर्मा ने बताया कि कोहरे में अपने वाहन को कम गति पर चलाएं। कोहरे के दौरान लाइट को कम बीम पर रखें। उच्च बीम धुंधले मौसम की स्थिति में उतने प्रभावी नहीं होते हैं। यदि दृश्यता कम से कम हो जाए तो फॉग लाइट का उपयोग करें। वाहनों के बीच अच्छी दूरी बनाए रखें, जब दृश्यता बेहद खराब हो, सड़क पर पेंट की गई लाइन का उपयोग एक गाइड के रूप में करें। इसके अलावा वाहन चलाते समय मोबाइल फोन और उच्च संगीत प्रणाली का उपयोग न करें।

शीतलहर से सुरक्षा के उपाय

उपायुक्त ने बताया कि शीतलहर के दौरान घर के अंदर सुरक्षित रहें। घर से बाहर जाते हुए सिर, कान, हाथ, पैर और नाक को ढक कर ही बाहर निकलें। समाचार पत्र, रेडियो, टीवी से मौसम की जानकारी लेते रहें। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान और आगमी तापमान में परिवर्तन के बारे में सतर्क रहें। शरीर में ऊष्मा के प्रवाह को बनाये रखने के लिए पोषक आहार एवं गरम पेय पदार्थ का सेवन करें। ठंड में ऊनी एवं गरम कपड़ों को पहनें। शरीर को सूखा रखें। कपड़े गीले होने की स्थिति में ऊष्मा का अभाव हो सकता है।

उन्होंने बताया कि कमरों में हीटर, केरोसिन, कोयले की अंगीठी का प्रयोग करते हुए, धुएं के निकास का उचित प्रबंध करना सुनिचित करें। अपने सिर को ढक कर रखें, क्योंकि ठण्ड में सिर के माध्यम से ऊष्मा का अभाव हो सकता है। अपने मुहं को भी ढक कर रखें, इससे आपके फेफड़ों को ठण्ड से सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने बताया कि कम तापमान में कठिन काम न करें, क्षमता से अधिक शारीरिक कार्य न करें, इससे ह्रदयघात का खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसके अतिरिक्त शीतदंश के लक्षणों पर नज़र रखें जैसे शरीर के अंगों का सुन्न पड़ना हाथों, पैरों की उँगलियों, कान, नाक, आदि पर सफ़ेद या पिले रंग के दाग उभर आना इत्यादि। उन्होंने बताया कि हाईपोथर्मिया के लक्षणों पर नज़र रखें जैसे यादाश्त कमजोर पड़ना, असीमित ठिठुरना, सुस्ती, थकान, तुतलाना इत्यादि।

उन्होंने कहा कि यदि तबियत ठीक न लगे या किसी भी प्रकार की दिक्कत महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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