राजभवन में मनाया गया जम्मू-कश्मीर व लद्दाख का स्थापना दिवस

दोनों केंद्र शासित राज्य समृद्धि की ओर अग्रसर: राज्यपाल
शिमला: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि धर्म, जाति व क्षेत्रवाद की संकीर्णता को समाप्त करना ही इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक भारत-श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार कर रहा है जिसके तहत देश के विभिन्न राज्यों के स्थापना दिवस को हर राज्य में मनाने की एक पहल की गई है।
शिव प्रताप शुक्ल ने इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के मूल निवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश की जन्नत कहा जाने वाला जम्मू-कश्मीर व लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश कीे स्थापना 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 की शक्तियों को समाप्त करने के बाद 31 अक्तूबर, 2019 से जम्मू-कश्मीर व लद्दाख दो अलग केंद्र शासित राज्य बने।
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित राज्य की स्थापना से पूर्व कश्मीर की जनता व जन-जीवन पूर्णतया अस्त-व्यस्त था। वर्ष 2019 के बाद जम्मू व कश्मीर में केंद्र सरकार की मदद से अनेक नई व महत्वाकांक्षी परियोजनाएं पूरी हुई हैं। सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा व पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है जिससे ये दोनों राज्य अब खुशहाली व समृद्धि की ओर अग्रसर हैं।
राज्यपाल ने कहा कि केंद्र शासित राज्य के रूप में गठन से लद्दाख में चहूँमुखी विकास को गति मिली हैै। गत वर्षो में इस राज्य में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। देश का सीमावर्ती राज्य होने के नाते सुरक्षा की दृष्टि से सड़कों व टनलों का निर्माण किया गया है।
शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में जिस राज्य में धार्मिक कट्टरपंथियों के भय से आम जनजीवन भय, निराशा व अवसाद के कारण त्रस्त था वहां समाज के प्रत्येक क्षेत्र में विकास व समृद्धि को बढ़ावा मिला है। अब राज्य में युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर पैदा किए गए हैं। पर्यटकों के आवागमन से स्थानीय लोगों की आर्थिकी में भी वृद्धि हुई है।
कार्यक्रम में लद्दाख के सांस्कृतिक दल को उनके मनमोहक प्रस्तुति के लिए 51 हजार रूपए प्रदान किए। कश्मीर के नागरिक शुभदीप सिंह ने जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाये जाने से अपने परिवार व स्थानीय मुस्लिम परिवारों के साथ घटित मर्मस्पर्शी घटनाएं साझा कीं।
राज्यपाल ने उपस्थित जन समूह तथा राजभवन के अधिकारियों व कर्मचारियों को राष्ट्रीय एकता की शपथ भी दिलाई।

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