अंक गणना: एक माह में दो ग्रहण; कई प्रदेशों में होगा सत्ता परिवर्तन – पंडित डोगरा

राजनेताओं होंगे तनाव में, तो जनता होगी परेशान

भगवान शिव और हनुमान की शरण में जाना होगा उचित: पंडित डोगरा

सत्यदेव शर्मा \सहोड़: जाने माने अंक ज्योतिषी एवं वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा ने कहा कि एक ही माह में दो ग्रहण आना कोई शुभ संकेत नहीं है। इन ग्रहणों के बाद आगजनी और भूकंप का खतरा बढ़ेगा। आकाश में लगने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहण पृथ्वी वासियों के लिए अनेक आपदाएं होने का संकेत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 का अंतिम पड़ाव चल रहा है। कहते हैं कि वर्ष का

ज्योतिषाचार्य पंडित शशिपाल डोगरा

शुरू का समय या वर्ष अंतिम समय बहुत कुछ परिवर्तन करता है। अक्टूबर महीने में दो ग्रहण लग रहे हैं। जो कि शुभ संकेत नहीं है। अक्टूबर माह की 14 तारीख को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। तो अक्टूबर 28 को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। 1 + 4 = 5 अंक जो बुध का अंक है। बुध बुद्धि का कारक है। 1 अंक सूर्य का है और 4 राहु का कारक है। सूर्य जहां सत्ता का कारक है और राहु विरोध का कारक है। सत्ता के गलियारों में विश्व, देश व प्रदेश के अंदर किसी संकट का संकेत देता है। आने वाले समय में देश के कुछ प्रदेशों में सत्ता परिवर्तन का योग बना रहा है। पंडित डोगरा नेे कहा कि 17/18 अक्टूबर की रात्रि को सूर्य तुला राशि में प्रवेश कर रहा है। तुला में सूर्य नीचस्थ हो जाता है। केतु भी इस वक्त तुला राशि में बैठा है। जो कि शुभ नहीं है। संकट का समय है। जो श्मशान योग भी बना रहा है। अचानक ही किसी बड़ी शख्सियत की मृत्यु का योग बना रहा है।

उन्होंने कहा कि 1 + 8 = 9 अंक जो मंगल का अंक है। मंगल अग्नि का कारक है। आग लगाता है। मंगल भूमि का कारक भी है। भूमि में हलचल करता है। भूकंप का योग बना रहा है। प्राकृतिक आपदा देता है। 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण लग रहा है। चंद्रमा मन का कारक है। पंडित डोगरा ने कहा कि 2 + 8 = 10 = 1 + 0 =1 अंक जो सूर्य का अंक है। सूर्य जहां तुला राशि में नीचस्थ होने जा रहा है। वहीं 2 अंक चंद्र व 8 अंक शनि से बनने वाला 1 अंक राजनेताओं को मानसिक तनाव देगा। आम जनता परेशान रहेगी। कुछ प्रदेशों में जनता में बगावत होगी और सत्ता परिवर्तन कर देगा। पंडित डोगरा ने कहा कि 15 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि शुरू होने जा रहे। उपाय के लिए सभी अपने घरों में शिव शक्ति व हनुमान जी की पूजा करें। बाकी सर्वज्ञ तो ईश्वर है।

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