शिमला में फ्लाइंग फेस्टिवल शुरू; देश-विदेश के 51 पैराग्लाइडर्स ले रहे हैं हिस्सा

पर्यटन व हरित उद्योगों को बढ़ावा दे रही राज्य सरकारः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने जुन्गा में किया शिमला फ्लाइंग फेस्टिवल का शुभारंभ
शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज से 15 अक्तूबर तक शिमला जिला के कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के जुन्गा में आयोजित शिमला फ्लाइंग फेस्टिवल का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का आयोजन ‘द ग्लाइड इन’ कंपनी और पर्यटन विभाग मिलकर कर रहे हैं। चार दिन तक चलने वाले इस उत्सव में देश-विदेश के 51 पैराग्लाइडर्स भाग ले रहे हैं।
प्रबन्ध निदेशक, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम अमित कश्यप ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ऐसे आयोजनों से क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष अवसर उपलब्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला का बीड़-बिलिंग क्षेत्र पैराग्लाइडिंग के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। प्रदेश सरकार हिमाचल के वातावरण के अनुकूल हरित उद्योगों को बढ़ावा दे रही है, जिसमें पर्यटन भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए व्यापक योजना तैयार की है। कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने की घोषणा के साथ ही अन्य अनछुए गंतव्यों को विकसित किया जाएगा। साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने में इस तरह के आयोजन सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा के साथ ही उन्हें विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्प है। आपदा से उबरने के साथ ही हिमाचल पुनः पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में इस बार आपदा के दौरान बहुत अधिक नुकसान हुआ है और कई लोगों ने अमूल्य जीवन खोया है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं विभिन्न आपदाग्रस्त क्षेत्रों में गए और प्रदेश सरकार ने तत्परता से राहत एवं बचाव अभियान शुरू किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रभावितों की मदद के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज जारी किया है। इसके तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों पर पहले मिलने वाले 1.30 लाख रुपए की आर्थिक मदद को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही कच्चे और पक्के मकान को आंशिक नुकसान पर मिलने वाले मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया है। लोगों को अपना घर दोबारा बनाने के लिये राज्य सरकार 280 रुपए प्रति बोरी के हिसाब से सीमेंट उपलब्ध करवाएगी।
इसके साथ ही बिजली और पानी का कनेक्शन भी राज्य सरकार निःशुल्क लगाएगी। राहत शिविरों में रह रहे लगभग तीन हजार परिवारों को राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में किराए का मकान लेने के लिए 5000 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी दे रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर 75 हजार करोड़ का ऋण और कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपए की देनदारियां होने के बावजूद राज्य सरकार अपने संसाधनों से प्रभावित परिवारों की भरपूर मदद कर रही है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों ने अपनी गुल्लक से आपदा प्रभावितों की मदद के लिए राशि दी है। यही नहीं, कर्मचारियों, पेंशनर्स और समाज के सभी वर्गों ने आपदा राहत कोष में ऐतिहासिक योगदान दिया है, जिसके लिए वे सभी के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि पुराने कानूनों से नई चुनौतियों का सामना नहीं किया जा सकता है, इसीलिए राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में बड़े बदलाव ला रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आने में कुछ समय लगेगा। उन्होंने कहा कि कर्ज के सहारे कोई भी सरकार नहीं चल सकती। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को चार वर्षों में आत्मनिर्भर और दस वर्षों में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार अनेक प्रभावी कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हुई तबाही का जायजा लेने के लिए केंद्र से तीसरी टीम आई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केन्द्र सरकार जल्द ही हिमाचल को विशेष आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। 
इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, ओएसडी रितेश कपरेट और गोपाल शर्मा तथा अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।

सम्बंधित समाचार

Comments are closed