सोलन: नौणी विवि के छात्र फिलीपींस में कर रहे अंतर्राष्ट्रीय इंटर्नशिप

सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी का 12 सदस्यीय छात्र-संकाय प्रतिनिधिमंडल इन दिनों फिलीपींस विश्वविद्यालय, लॉस बानोस में वानिकी और प्राकृतिक संसाधन कॉलेज में 21 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय इंटर्नशिप कार्यक्रम में भाग ले रहें हैं जहां उन्हें कृषि वानिकी और फल उगाने के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया जा रहा है। यह कार्यक्रम एनएएचईपी आईडीपी परियोजना द्वारा प्रायोजित हैं।

फिलीपींस गए छात्रों में अंबिका शर्मा, श्लोक कश्यप और खुशबू कश्यप बागवानी कॉलेज से हैं, जबकि अर्चना जामवाल, आंचल और प्रियंका देवी वानिकी कॉलेज से संबंध रखती है। चार छात्र, आकृति, वंशिका, सूर्यांश और दामिनी विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, नेरी से हैं। विश्वविद्यालय के दो वैज्ञानिक – डॉ. उदय शर्मा और डॉ. चुनी लाल शर्मा भी फिलीपींस में अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

एक्सपोज़र टूर का उद्देश्य छात्रों को फिलीपींस, विशेष रूप से दक्षिणी तागालोग क्षेत्र में कृषि वानिकी के बारे में जानने का मौका देना है। छात्रों को एशियाई देशों में चल रहे कृषि वानिकी अनुसंधान से परिचित करवाया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप भविष्य में संभावित सहयोगी कृषि वानिकी-संबंधित परियोजनाओं के लिए अवसर तलाशने, कृषि वानिकी के विभिन्न मॉडलों, संबंधित प्रौद्योगिकियों और आजीविका योजनाओं के बारे में पता चलेगा।

इसके अलावा, छात्र पहाड़ी क्षेत्रों में गरीबी कम करने के लिए कृषि वानिकी प्रणालियों के साथ-साथ मिट्टी और जल संरक्षण के विभिन्न पहलुओं भी सीख रहे हैं। छात्रों को ऐली फसल और हेजरो रोपण में प्रशिक्षित किया गया है। उन्हें प्रौद्योगिकी केंद्र में ले जाया गया जहाँ उन्हें फिलीपींस विश्वविद्यालय के विभिन्न उत्पादों के बारे में जानने का अवसर मिला। उन्हें आई॰आर॰आर॰आई॰ के वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने का भी मौका मिला जहां कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर चावल की किस्में विकसित की जा रही हैं। मैंग्रोव में एक्वा सिल्विकल्चर प्रणाली को देखने को देखने के लिए क्वेज़ोन के मैंग्रोव क्षेत्रों का भी दौरा किया गया।

कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने छात्रों को शीर्ष वैश्विक अनुसंधान संस्थानों से सीखने और एक अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य विकसित करने का अवसर देने के लिए आईसीएआर, एनएएचईपी के राष्ट्रीय निदेशक डॉ. आरसी अग्रवाल और राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. नवीन जैन का धन्यवाद दिया। आईडीपी के प्रधान अन्वेषक डॉ. केके रैना ने बताया कि छात्रों और संकाय के दृष्टिकोण को व्यापक बनाने के लिए संकाय और छात्रों के अंतरराष्ट्रीय एक्सपोज़र टूर शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को विश्वास है कि इस कार्यक्रम से अर्जित ज्ञान विश्वविद्यालय शिक्षण में शामिल किया जाएगा।

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