हिमाचल: उपभोक्ताओं तक सीधे पहुंचेगा प्राकृतिक खेती का उत्पाद

शिमला:  शिमला शहर के लोगों को प्राकृतिक खेती का उत्पाद शुक्रवार से मिलना शुरू हो जाएगा। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत उपभोक्ताओं को उनके आस-पास ही रसायन रहित फल-सब्जी एवं अन्य उत्पाद मिल सकें इसके लिए पायलट आधार पर मोबाइल  वैन की व्यवस्था की गई है। यह वैन प्रत्येक शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश सचिवालय, प्रदेश विश्वविद्यालय परिसर और कृषि भवन में मौजूद रहेगी।  

प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक हेमिस नेगी ने बताया कि इस पहल से शहर के लोगों को रसायनरहित उत्पाद उनके आस-पास ही मिल सकेंगे। फिलहाल हम चुनिंदा स्थानों पर ही प्राकृतिक खेती के उत्पाद बेचेंगे। जैसे-जैसे उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ेगी वैसे-वैसे बाकि स्थानों पर भी इस वैन के जरिए उत्पाद बेचे जाएंगे।

पायलट आधार पर शहर से सटे 3 विकास खंडों बसंतपुर, टुटू और मशोबरा के किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती विधि से तैयार फल-सब्जी व अन्य उत्पादों को इस वैन के जरिए बेचा जाएगा। उपभोक्ता हर शुक्रवार मोबाइल वैन के जरिए सचिवालय में 1 से 2 बजे तक तथा प्रदेश विश्वविद्यालय समरहिल में 3 से 4 बजे तक एवं कृषि भवन में शाम 4:15 से 5:30 प्राकृतिक खेती विधि से तैयार रसायनरहित उत्पाद खरीद सकेंगे।  

कृषि विभाग की इस पहल के जरिए प्राकृतिक खेती में प्रमाणित किसानों के उत्पादों को बेचा जाएगा। इस पहल से शिमला जिला के 3 विकास खंडों के 200 से अधिक किसान सीधे तौर पर जुड़े हैं। सप्लाई चेन से जुड़े इन किसानों के उत्पाद को बिना किसी मध्यस्थ के सीधे उपभोक्ता को पहुंचाया जाएगा।

प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अधीन राज्य सरकार प्राकृतिक खेती के उत्पादों को बाजार मुहैया करवाने एवं किसानों के कल्याण के लिए काम कर रही है। पिछले 5 साल में 1.71 लाख से अधिक किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं और 24,000 हैक्टेयर से अधिक भूमि पर इस विधि से कृषि-बागवानी कर रहे हैं। किसान अपना उत्पाद बेच सकें इसके लिए अलग-अलग जिलों में 7 किसान-उत्पादक कंपनियां भी खोली गई हैं।

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