हिमाचल: प्रदेश में बारिश का कहर; जगह-जगह भूस्खलन तो कहीं गिर रहे पेड़

हिमाचल: प्रदेश में बारिश ने कहर जारी है। कहीं बादल फटा तो कहीं जगह-जगह भूस्खलन व पेड़ ढहने से सड़कें बंद हो गई हैं।  जानकारी अनुसार मण्डी में बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है। मण्डी जिले में सबसे अधिक 236 और शिमला में 59 सड़कें बंद हैं। इसी तरह मंडी जिले में ही 1335 व हमीरपुर में 445 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं।

राज्य में 452 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए ठप हो गई हैं। कुछ गांवों में बिजली नहीं है। 1814 बिजली ट्रांसफार्मर व 59 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं। मण्डी जिले में सबसे अधिक 236 और शिमला में 59 सड़कें बंद हैं। इसी तरह मंडी जिले में ही 1335 व हमीरपुर में 445 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं।

राजधानी शिमला में भारी बारिश से जगह-जगह पेड़ गिरने व भूस्खलन से सड़कें बंद हो गई हैं। बारिश के चलते भवनों, गाड़ियों को नुकसान हुआ है।

शिमला के टूटीकंडी में निजी बस पर पेड़ गिरने से एक व्यक्ति घायल हो गया है। बस को भी नुकसान हुआ है। गनीमत रही कि बड़ा हादसा नहीं हुआ।

शिमला-धर्मशाला-मंडी नेशनल हाईवे घणाहट्टी के पास भूस्खलन व ढांडा के पास पेड़ गिरने से बाधित है।

जाखू में आरसीसी कंप्यूटर के पास भी भूस्खलन हुआ है।

संजौली में भी पेड़ गिरने से सड़क बंद हो गई। 

भूस्खलन के कारण कैपिटल होटल से कैथू अनाडेल तक का सड़क बंद हो गई।

शहर के विकासनगर में दो पेड़ गिर गए हैं। एक पेड़ भवन पर गिर गया है। इससे भवन को नुकसान हुआ है।

खलीनी की फॉरेस्ट कॉलोनी के पास देवदार के करीब एक दर्जन पेड़ ढह गए हैं। जिससे गाड़ी को भी नुकसान पहुंचा है।

शिमला-दुधली सड़क पर भूस्खलन दो खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। भूस्खलन से कई पेड़ भी ढह गए हैं। इससे यातायात भी ठप हो गया। साथ ही गाड़ियों को क्रेन की मदद से हटवाया गया।

भराड़ी में भी भूस्खलन हुआ है। मिस्ट चेंबर के पास भी पेड़ गिर गया है।

बिलासपुर में दगसेच के पास पहाड़ी धंसने से शिमला-धर्मशाला हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया। शिमला से आने वाले वाहनों को नवगांव से बैरी वाली सड़क से सफर करना होगा। पहाड़ी धंसने से दो मकान भी जमींदोज हो गए। सड़क समेत तीन-चार वाहन मलबे में दब गए हैं।

कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर पहाड़ से लगातार भूस्खलन हो रहा है। चक्कीमोड़ में बार-बार भूस्खलन के कारण हाईवे पर रफ्तार थम रही है। हजारों की संख्या में वाहन फंसे हुए हैं। वहीं लोगों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जिला मण्डी के नाचन क्षेत्र के चुनाहन में बादल फटने से बड़ी मात्रा में पानी व मलबा रिहायशी क्षेत्रों में आ गया। घरों के आसपास पार्क गाड़ियां मलबे के साथ पानी में बह गईं। कई घरों के आंगन बह गए हैं। जिससे मकानों को खतरा पैदा हो गया है। वहीं, खेत मक्की-धान की फसलों सहित बह गए हैं।

बल्ह के नागचला से डडोर तक फोरलेन व आसपास के क्षेत्र में बड़ी मात्रा में जलभराव हो गया है। मण्डी की सुकेती खड्ड में बाढ़ आने से बल्ह घाटी में मंडी शहर से पांच किलोमीटर दूर रत्ती से लेकर गुटकर तक करीब 14 किलोमीटर क्षेत्र में 11 पंचायतें और नगर परिषद के आठ वार्डों में जलभराव हो गया। कुछ जगह दुकानों और घरों में 4 से 5 फुट तक पानी भर गया है।

धर्मपुर में सोन खड्ड से मलबा व पानी दुकानों-घरों की भीतर आ गया है। बिजली आपूर्ति व संचार सेवाएं ठप हो गई हैं। धर्मपुर और सरकाघाट का अन्य जिला से संपर्क कटा हुआ है। निर्माणाधीन एनएच जालंधर-मंडी वाया कोटली कई स्थानों पर पूरी तरह से बंद हो गया है।

पांवटा-शिलाई नेशनल हाईवे चौथे दिन भी बहाल नहीं हो पाया है। बारिश ने सड़क बहाली का कार्य रोका दिया। सिरमौर जिले में 10 सड़कों पर अभी भी वाहनों की आवाजाही ठप पड़ी है।

भवारना से शिवनगर वाया खैरा, बन कुडुंग सड़क पर चट्टानें गिर गईं। इससे वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है। पिछले वर्ष भी लोगों को यहां भूस्खलन के चलते सड़क खुलने के लिए चार दिन इंतजार करना पड़ा था।

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