प्राकृतिक खेती के उत्पाद और मिलेट्स की शिमला ग्रीष्मोत्सव में धूम; लोग मिलेट्स के पकवान का ले रहे हैं आनंद, 3 दिन में 80000 की हुई बिक्री

शिमला: ऐतिहासिक रिज मैदान पर चल रहे शिमला ग्रीष्मोत्सव में प्राकृतिक खेती व मोटे अनाजों के धूम मचा रहे हैं। प्राकृतिक खेती विधि से से उगाए मोटे अनाजों व फलों से तैयार उत्पादों के प्रति स्थानीय लोग और पर्यटक बहुत रुचि दिखा रहे हैं। ग्रीष्मोत्सव के दौरान प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की ओर से लगाए गए स्टाल में लोग जमकर मोटे अनाजों का आटा, कुकीज़, कपकेक, देसी गाय का घी खरीद रहे हैं। इसके साथ ही वे बाथू की खीर, मिलेट स्टफ्ड सिड्डू, मिलेट स्वीट्स, मालपूड़े, ओग्ले के पकौड़, कोदे की चाय कोदा सूप, कोदा आइस टी आदि का स्वाद चख रहे हैं। ग्रीष्मोत्सव में आदर्श कृषि स्वयं सहायता समूह आनंदपुर, शिव शक्ति समूह, बसंतपुर, भवानी महिला समूह, मशोबरा, और लक्ष्मी महिला समूह, मशोबरा की ओर से मिलकर प्राकृतिक खेती उत्पादों और व्यंजनों का स्टॉल लगाया गया है। स्टॉल में मोटे अनाजों के उत्पाद और व्यंजन बेच रहे आदर्श कृषि स्वयं सहायता समूह आनंदपुर की सदस्या गीता ठाकुर ने बताया कि उनके स्टॉल पर लोग विशेष रुचि दिखा रहे हैं। न केवल स्थानीय बल्कि बाहरी राज्यों के पर्यटक भी मोटे अनाजों के बारे में जानकारी लेने के साथ इनसे बने व्यंजनों और उत्पादों को खरीद रहे हैं।
भवानी महिला समूह, मशोबरा की सदस्य चंपा देवी ने बताया कि लोगों को मोटे अनाजों के सिड्डू बहुत पसंद आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमने सोचा नहीं था कि हमारे व्यंजनों और अन्य उत्पादों को इतना सराहा जाएगा। इसलिए हमने पहले दिन थोड़ा ही सामाना तैयार किया था लेकिन पहले दिन में हुई बिक्री से हमने अपनी तैयारी दोगुनी कर दी और अब हमारी बिक्री भी बहुत अच्छी हो रही है।
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक नरेश ठाकुर ने कहा कि ग्रीष्मोत्सव के दौरान प्राकृतिक खेती के उत्पादों और मोटे अनाजों के व्यंजनों को लोगों ने बहुत सराहा है। इससे किसान और खासकर महिला समूहों का मनोबल बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आगे भी योजना की ओर से अन्य स्थानों में लगने वाले मेलों और अन्य आयोजनों में महिला समूहों के साथ मिलकर मोटे अनाजों और प्राकृतिक खेती उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा।

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