- राजनीतिक प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी
नई दिल्ली: केंद्रीय युवा मामले एवं खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि राजनीति और शासन में युवाओं की सक्रिय भागीदारी, राष्ट्रीय युवा नीति-2014 (एनवाईपी- 2014) की प्राथमिकताओं में से एक है। इस नीति के अनुसार जमीनी स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक राजनीति के सभी स्तरों में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना जरूरी है। यह भागीदारी राजनीतिक गतिविधियों में युवाओं के सीधे शामिल होने के रूप में हो सकती है। साथ ही निर्वाचन प्रक्रिया में मतदान करने के माध्यम से भी युवा अपनी भागीदारी निभा सकते हैं।
राज्य सभा में आज एक लिखित उत्तर में मंत्री ने बताया कि हाल ही के वर्षों में राजनीति में युवाओं की भागीदारी में उल्लेखनीय सुधार देखने में आया है। राजनीतिक दल भी राजनीति में युवाओं की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा दे रहे हैं। उदाहरण के लिए 15वीं लोकसभा में 25 से 30 वर्ष की आयु के सांसदों की संख्या 6 थी जो 16वीं लोकसभा में बढ़कर 12 हो गई है। मतदान के जरिए राजनीतिक प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी भी बढ़ी है। वस्तुतः वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान 66.4 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया जो पिछली लोकसभा (वर्ष 2009) के मतदान से 8.2 प्रतिशत ज्यादा है। मतदान प्रतिशत में यह बढ़त काफी हद तक युवाओं के मतदान के लिए आगे आने से हुई है। इस सिलसिले में भारत निर्वाचन आयोग के स्वीप (सिस्टेमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन) कार्यक्रम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।