दूसरे डिपुओं से नहीं मिल रहा उपभोक्ताओं को राशन

राज्‍य सरकारों ने तहबाजारी के खिलाफ कार्रवाई तेज की

  • सरकार ने दालों पर स्‍टॉक सीमा लगाये जाने की समीक्षा की

नई दिल्ली: सरकार ने आज यहां एक बैठक में दालों पर स्‍टॉक सीमा लगाये जाने और दालों की तहबाजारी की जांच करने के लिए राज्‍य सरकारों द्वारा उठाये गये प्रवर्तन कदमों की समीक्षा की। राज्‍यों को आयातों से प्राप्‍त, निर्यातकों, बड़ी खाद्य परिसंस्‍करण इकाइयों तथा बड़े विभागीय रिटेलरों द्वारा रखे गये दालों पर स्‍टॉक सीमा लगाने के लिए सक्षम बनाने के लिए अनिवार्य वस्‍तु अधिनियम के तहत केन्‍द्रीय आदेश में संशोधन किया गया है। राज्‍यों को दालों की तहबाजारी रोकने के लिए औचक निरीक्षण करने तथा छापे मारने के लिए प्रोत्‍साहित किया गया था।

इन कदमों में दालों के डीलरों/स्‍टॉकिस्‍ट की जांच किये जाने तथा जो स्‍टॉक सीमा का उल्‍लंघन कर रहे हैं और तहबाजारी में संलिप्‍त हैं, उन पर छापे मारना शामिल है। इन कदमों के परिणाम दिखने प्रारंभ हो गये है।

महाराष्‍ट्र में मुम्‍बई, औरंगाबाद, पुणे, अमरावती, नासिक और नागपुर में छापे मारे गये हैं। ठीक इसी प्रकार, कनार्टक के मैसूर जिले में मारे गये छापों में 3,600 कुंतल दाल बरामद किये गये। बंगलुरु में भी छापे मारे गये। मध्‍य प्रदेश में 25 स्‍थानों पर छापे मारे गये जिनमें 2,295 मीट्रिक टन दाल जब्‍त किये गये। तेलंगाना में 1,820 छापे मारे गये हैं जिनमें 2,546 मीट्रिक टन दाल जब्‍त किये गये। आंध्र प्रदेश सरकार ने 56 छापों में 600 मीट्रिक टन दाल बरामद किये। राजस्‍थान सरकार ने भी स्‍टॉक सीमा लागू करने की कार्रवाई तेज कर दी है। अन्‍य राज्‍यों में भी तहबाजारी एवं कालाबाजारी के खिलाफ ऐसी ही प्रवर्तन कार्रवाई की जा रही है।

भारत सरकार ने दालों की कीमतों में नरमी लाने का प्रयास जारी रखा है। आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु को उनसे प्राप्‍त आग्रहों के अनुरूप आयातित दाल आवंटित कर दिये गये है। अन्‍य राज्‍यों को भी एक बार फिर खुदरा विक्रय केन्‍द्रों के जरिये वितरण के लिए आयातित स्‍टॉक से दालों की तत्‍कालिक जरूरतों का संकेत देने को कहा गया है।

इस बीच, भारत सरकार ने दिल्‍ली एवं अन्‍य स्‍थानों में एवं इसके आसपास केन्‍द्रीय भण्‍डार एवं सफल के लगभग 500 विक्रय केन्‍द्रों के जरिये 120 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से अरहर दाल का खुदरा वितरण बढ़ा दिया है।

इन सभी कदमों से आपूर्ति की स्थिति और बाजार में दालों की आवक बेहतर होने की उम्‍मीद है जिससे दालों के मूल्‍य में नरमी आयेगी।

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