एचपीयू बन रहा धांधलियों व अनियमितताओं का अड्डा, नियमों को ताक पर रखकर की जा रही चेहतों की भर्तियां : NSUI

  • हिमाचल: नियमों के खिलाफ एड्मिशन मामले में संलिप्त वीसी और डीएस को जल्द किया जाए बर्खास्त : एनएसयूआई

  • प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस प्रक्रिया को नियमों के खिलाफ और गैरकानूनी बताया था

  • अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैंसले के खिलाफ एचपीयू की याचिका को किया रद्द

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की पीजी एड्मिशन में नियमों के खिलाफ जाकर प्रवेश परीक्षा की जगह सीधे मेरिट के आधार पर दाखिले को लेकर हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन को गलत ठहराया है। ऐसे में NSUI ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले वीसी व डीएस के इस्तीफे की मांग की है। प्रदेश विश्वविद्यालय में लगातार वीसी और डीएस की शह में नियमों को ताक पर रखकर चेहतों की भर्तियां की जा रही हैं। यूनिवर्सिटी का भगवाकरण किया जा रहा है और कोर्ट के आदेशों को भी ठेंगा दिखाया जा रहा है जबकि सरकार आंखें मूंद कर बैठी है। यह आरोप शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान एनएसयूआई के राज्य अध्यक्ष छतर सिंह ने लगाए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में वीसी और डीएस मनमानी कर रहे हैं, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। यूनिवर्सिटी में आवेदन की छंटनी के लिए बनाई गई कमेटी के लोग अपने रिश्तेदारों को नौकरी दिलाने के लिए नियमों को दरकिनार कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने भी विश्वविद्यालय की एडमिशन प्रकिया को गलत ठहराया है, बावजूद इसके विश्वविद्यालय प्रशासन अडिय़ल रवैया अपनाए हुए है और बिना प्रवेश परीक्षा के अपात्र लोगों को दाखिले दिए गए हैं जबकि पात्र छात्रों को दाखिले नहीं दिए गए हैं। यह आरोप शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान एनएसयूआई के राज्य अध्यक्ष छतर सिंह ने लगाए हैं।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लगातार आरएसएस के लोगों की भर्तियां की जा रही हैं और एचपीयू का भगवाकरण किया जा रहा है। कोरोना काल में एचपीयू ने छात्रों की परीक्षाएं लीं और प्रवेश परीक्षा के बिना ही छात्रों को दाखिले दिए। विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार तानाशाही रवैया अपना रहा है। सरकार ने अगर जल्द ही डीएस और वीसी को बर्खास्त नहीं किया तो एनएसयूआई विश्वविद्यालय के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।

प्रदेश विश्वविद्यालय में लगातार वीसी और डीएस की शह में नियमों को ताक पर रखकर चेहतों की भर्तियां की जा रही हैं। यूनिवर्सिटी का भगवाकरण किया जा रहा है और कोर्ट के आदेशों को भी ठेंगा दिखाया जा रहा है जबकि सरकार आंखें मूंद कर बैठी है। यह आरोप शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान एनएसयूआई के राज्य अध्यक्ष छतर सिंह ने लगाए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में वीसी और डीएस मनमानी कर रहे हैं, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। यूनिवर्सिटी में आवेदन की छंटनी के लिए बनाई गई कमेटी के लोग अपने रिश्तेदारों को नौकरी दिलाने के लिए नियमों को दरकिनार कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने भी विश्वविद्यालय की एडमिशन प्रकिया को गलत ठहराया है, बावजूद इसके विश्वविद्यालय प्रशासन अडिय़ल रवैया अपनाए हुए है और बिना प्रवेश परीक्षा के अपात्र लोगों को दाखिले दिए गए हैं जबकि पात्र छात्रों को दाखिले नहीं दिए गए हैं। यह आरोप शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान एनएसयूआई के राज्य अध्यक्ष छतर सिंह ने लगाए हैं।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लगातार आरएसएस के लोगों की भर्तियां की जा रही हैं और एचपीयू का भगवाकरण किया जा रहा है। कोरोना काल में एचपीयू ने छात्रों की परीक्षाएं लीं और प्रवेश परीक्षा के बिना ही छात्रों को दाखिले दिए। विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार तानाशाही रवैया अपना रहा है। सरकार ने अगर जल्द ही डीएस और वीसी को बर्खास्त नहीं किया तो एनएसयूआई विश्वविद्यालय के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।

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