चंबा : जनजातीय क्षेत्र पांगी मुख्यालय किलाड़ में ऐतिहासिक हुनसुन नाग मंदिर जलकर राख हो गया। वहीं लोगों ने मंदिर में रखीं प्राचीन मूर्तियों को जलने से बचा लिया। लेकिन, देवदार की लकड़ी से निर्मित मंदिर का पूरा भवन देखते ही देखते राख के ढेर में तबदील हो गया। जानकारी के अनुसार मंगलवार रात करीब पौने नौ बजे किलाड़ में बिजली सप्लाई बंद हो गई। पांच मिनट बाद बिजली बहाल होने पर मंदिर की छत में अचानक आग भड़क गई। मंदिर का निर्माण देवदार की लकड़ी से हुआ है। ऐसे में आग तेजी से फैली। इलाके में अग्निशमन विभाग का कोई स्टेशन नहीं है। बहरहाल, सूचना मिलने पर पुलिस कर्मी मौके पर पहुंच गए। स्थानीय लोगों की मदद से आग बुझाने के प्रयास किए गए लेकिन पूरा मंदिर आग की भेंट चढ़ गया। बताया जा रहा है कि जलने के बाद छत नीचे गिरी, जिसके बाद लोगों ने मंदिर में स्थापित मूर्तियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। स्थानीय लोगों के अनुसार इलाके में न तो फायर टेंडर की सुविधा है और ना ही आग की घटना में रेस्क्यू के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता।
आवासीय आयुक्त पांगी चमन लाल शर्मा ने बताया कि आग की चपेट में आने से उपरोक्त मंदिर राख हो गया है। मंदिर के जीर्णोद्घार के कार्य में स्थानीय प्रशासन किलाड़ प्रजामंडल का पूरा सहयोग करेगा। आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
पांगी घाटी में ऐतिहासिक मेला फुल यात्रा की शुरुआत इसी मंदिर से की जाती है। मंदिर पूरे इलाके के प्राचीन धार्मिक स्थलों में शुमार है।