जल विद्युत उत्पादन, इको-पर्यटन व नागरिक उड्डयन क्षेत्र में विदेशी निवेश की अपार सभावनाएं : मुख्यमंत्री

  • नॉर्वे और सीरिया में भारत के राजदूतों ने मुख्यमंत्री से की भेंट

शिमला : हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत उत्पादन और पर्यटन विशेष रूप से इको-पर्यटन और नागरिक उड्डयन क्षेत्र में विदेशी निवेश की अपार सभावनाएं हैं। हिमाचल प्रदेश में उपलब्ध अपार विद्युत क्षमता बिजली क्षेत्र में निवेश के लिए अत्याधिक संभावनाएं प्रदान करती है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज ओक ओवर में नॉर्वे व सीरिया में भारत के राजदूत कृष्ण कुमार व मनमोहन भनोट से मुलाकात के दौरान कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार संभावित उद्यमियों और निवेशकों को कई प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि सुरंग निर्माण एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें नॉर्वे राज्य में निवेश कर सकता है क्योंकि हिमाचल और नॉर्वे की भौगोलिक परिस्थितियां एक समान है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य पहले से ही मत्स्य पालन क्षेत्र में नॉर्वे के साथ सहयोग कर रहा है क्योंकि भारत नॉर्वेजियन ट्राउट पालन परियोजना कुल्लू ज़िले के पतलीकूहल में क्रियाशील है। उन्होंने कहा कि नॉर्वे के सहयोग से राज्य के अन्य भागों में भी ऐसी और अधिक परियोजनाएं स्थापित की जा सकती है। इसके अतिरिक्त नॉर्वे बुनियादी ढांचे के निर्माण और सम्बद्ध क्षेत्रों में निवेश कर सकता है। उन्होंने कहा कि नॉर्वे ठोस कचरा प्रबन्धन के लिए तकनीकी सहयोग में भी निवेश कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीरिया खाद्य प्रसंस्करण, दवा उद्योग, अर्द्धकुशल श्रम शक्ति और कृषि अनुसंधान में निवेश कर सकता है। नॉर्वे में भारतीय राजदूत कृष्ण कुमार ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि नॉर्वे की नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन, साहसिक पर्यटन, स्की-रिजॉर्ट, नागरिक उड्डयन, सुरंग और रज्जूमार्ग निर्माण के क्षेत्र में महारथ हासिल है। सीरिया में भारतीय राजदूत मनमोहन भनोट ने कहा कि सीरिया को अर्द्धकुशल श्रमिकों की आवश्यकता है तथा हिमाचल प्रदेश इन क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों से लाभ उठा सकता है। अतिरिक्त मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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