राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में एक नया आयाम, शिमला से “108 मोबाईल ऐप” की शुरूआत

  • स्वास्थ्य मंत्री ने किया पांच राष्ट्रीय एम्बुलेन्स सेवाओं को  रवाना
  • प्रधान सचिव स्वास्थ्य व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबन्ध निदेशक हंस राज शर्मा ने दी विभागीय गतिविधियों की जानकारी
  • टेली-स्ट्रोक परियोजना के माध्यम से 150 लोगों की बचाई गई जानें
  • राज्य के स्वास्थ्य मानक देशभर में अव्वल : कौल सिंह
स्वास्थ्य मंत्री ने किया पांच राष्ट्रीय एम्बुलेन्स सेवाओं को  रवाना

स्वास्थ्य मंत्री ने किया पांच राष्ट्रीय एम्बुलेन्स सेवाओं को रवाना

शिमला: हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय एम्बुलेन्स सेवा का शीघ्र एवं सुगमतापूर्वक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने आज शिमला से 108 मोबाईल ऐप की शुरूआत की। इस ऐप को शुरू करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है और इसके आरम्भ होने से राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में एक नया आयाम जुड़ गया।

इस मौके पर प्रधान सचिव स्वास्थ्य प्रबोध सक्सेना तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबन्ध निदेशक हंस राज शर्मा ने स्वागत किया और विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी। स्वास्थ्य निदेशक डा. बलदेव ठाकुर, स्वास्थ्य विभाग व जीवेके-इएमआरआई के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

इस अवसर पर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 108 मोबाईल ऐप के माध्यम से आपातकाल में राष्ट्रीय एम्बुलेन्स सेवा का शीघ्र लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इसके माध्यम से लाभार्थी को नाम व लोकेशन बताने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने ऐतिहासिक रिज मैदान से पांच नई 108-राष्ट्रीय एम्बुलेन्स सेवाओं को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। ये वाहन शिमला जिले के जलोग, व रामपुर, मण्डी के छतरी, ऊना जिले के गगरेट तथा बिलासपुर जिले के भराड़ी स्वास्थ्य संस्थानों के अंतर्गत तैनात किये जाएंगे। उन्होेंने कहा कि प्रदेश में 108-राष्ट्रीय एम्बुलेन्स सेवाओं की संख्या बढ़कर 199 हो गई है, जोे वर्ष 2010 में केवल 50 थी। उन्होंने कहा भौगोलिक दृष्टि से दुर्गम इस प्रदेश में यह सेवा आपातकाल में वरदान साबित हो रही है। लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिये सरकार प्रति एम्बुलेन्स प्रतिदिन एक लाख रुपये खर्च कर रही है और इसके माध्यम से 7.50 लाख से अधिक आपात मामलों में अभी तक सेवा प्रदान की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, राज्य में 102 जननी एक्सपे्रस सेवा भी आरम्भ की गई है जिसके माध्यम से गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल तक तक बच्चा होने के उपरान्त अस्पताल से घर तक निःशुल्क सेवा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इस सेवा के माध्यम से 82000 महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका है।

ठाकुर ने कहा कि वर्ष 1990 तक केवल राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर ही ध्यान केन्द्रित था, लेकिन आज स्वास्थ्य सेवाओं के दायरे में गुणात्मक वृद्धि हुई है। मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से केन्द्र में तत्कालीन यूपीए सरकार ने राष्ट्रीय एम्बुलेन्स सेवा की शुरूआत की थी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य में अभूतपूर्व उन्नति हुई है। आज राज्य के स्वास्थ्य मानक देशभर में अव्वल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में विशेषकर ग्रामीण एवं दूर-दराज के क्षेत्रों पिछले साढे़ तीन वर्षों के दौरान 145 नये स्वास्थ्य संस्थान खोले अथवा स्तरोन्नत किए गए हैं। हमीरपुर, चम्बा तथा सिरमौर में तीन नये मेडिकल कालेज खोले गए हैं और शीघ्र ही कार्यशील होंगे। इन कालेजों के लिये विभिन्न 1775 पदों का सृजन भी किया गया है। इसके अतिरिक्त, मण्डी के नेरचैक में 850 करोड़ रुपये की लागत से ईएससीआई मेडिकल कालेज एवं अस्पताल की स्थापना की गई है और इसका संचालन राज्य सरकार ने अपने अधीन ले लिया है। बिलासपुर जिले में एम्स की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि अनेकों नये स्वास्थ्य संस्थानों के खुलने से चिकित्सकों के 600 अतिरिक्त पद सृजित करने की आवश्यकता पड़ी और इन पदों को भरने के प्रयास किये जा रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार ने वर्तमान कार्यकाल के दौरान हजारों पैरा मेडिकल स्टाफ सहित चिकित्सकों के 600 से अधिक पद भरे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के अंतिम छोर में भी कोई एक व्यक्ति स्वास्थ्य लाभ से वंचित न रहे, इसके लिये जनजातीय जिला लाहौल-स्पिति के काजा तथा केंलग के 25 स्वास्थ्य संस्थानों में अपोलो अस्पताल के साथ पीपीपी मोड पर टेली मेडिसिन परियोजना कार्यान्वित की गई है जिसके माध्यम से अभी तक 4000 व्यक्तियों को लाभ पहुंचा है। इसी प्रकार, राज्य में टेली स्ट्रोक परियोजना आरम्भ की गई है जिसके अंतर्गत स्ट्रोक के चार घण्टे के भीतर 50000 रुपये मूल्य का टीका निःशुल्क लगाया जाता है। इसके माध्यम से अभी तक 150 लोगों की जानें बचाई जा चुकी हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर 108 राष्ट्रीय एम्बुलेन्स सेवा दुर्घटना में मृतक तीन कर्मियों क्रमशः केप्टन दिनेश कुमार, पायलट हेम राज तथा ईएमटी साहिल अत्री के परिजनों प्रत्येक को 5-5 लाख रुपये की शेष बीमा राशि के चैक भी वितरित किये। तीनों मामलों में इतनी ही राशि पूर्व में प्रदान की जा चुकी है। इससे पूर्व, जीवेके-इएमआरआई के राज्य प्रमुख मिहुल सुकुमारन ने 108-मोबाईल ऐप पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि 108 एचपी के नाम से 2.5 एमबी के यह ऐप किसी भी स्मार्ट फोने से डाउनलोड की जा सकती है।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *