शिमला: नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रदेश भर में पानी के लिए हाहाकार मची हुई है और सरकार इस सबसे बेखबर इस संकट को हल करने के बजाए उसे नकारने में लगी हुई है। पानी के इस संकट के पूर्व अनुमानित होने के बावजूद सरकार व विभाग ने इससे निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की। सरकार के इस ढुलमुल रवैये की वजह से प्रदेश भर में लाखों लोग पानी के इस संकट से परेशान है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सर्दियों में पर्याप्त बारिश न होने की वजह और सामान्य से अधिक गर्मी की चेतावनी मौसम विभाग लगातार दे रहा था उसके बावजूद विभाग ने कोई पूर्व तैयारी नहीं की और जब संकट बढ़ गया तो भी सरकार हाथ पर हाथ धर कर बैठ कर तमाशा देख रही है और अभी तक प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है।
प्रो. धूमल ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के वर्ष 2006-07 में भी इस तरह का संकट था परन्तु जब भाजपा सत्ता में आई तो पूर्व के संकटों से सबक लेते हुए प्रदेश भर में 1 लाख 30 हजार से ज्यादा हैंडपम्प लगाए गए और सैंकड़ों करोड़ रू. खर्च करके पानी की नई योजनाऐं बनाई गई और कहीं पर भी पानी संकट इन पाँच वर्षों के दौरान नहीं आने दिया गया और उसमें सबसे संतोष की बात यह थी कि विभागीय कुशलता के चलते एक आधे अपवाद को छोड़ा दिया जाये तो कहीं पर भी टैंकरों के माध्यम से सप्लाई नहीं करनी पड़ी। जबकि कांग्रेस सरकार के इस कार्यकाल में सरकार का विभागीय अधिकारी पर नियन्त्रण न होने की वजह से प्रदेश पानी के सबसे बड़े संकट से गुजर रहा है। सरकार की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में विभाग द्वारा लगाए गए हैंडपम्पों की संख्या 8 हजार से अधिक नहीं है और खराब पड़े हैंडपम्पों को भी ठीक नहीं किया जा रहा है।
प्रो. धूमल ने कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर सरकार को तुरन्त इस संकट का हल निकालने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए जिन स्थानों पर पानी की विकट समस्या है वहां पर हैंडपम्प खुदवाने के लिए डिविजन स्तर पर शक्तियॉं दी जानी चाहिए और तत्काल संकट का हल हो इसके लिए प्रभावित क्षेत्रों में जरूरत के मुताबिक पानी की सप्लाई टैंकरों के माध्यम से की जानी चाहिए।