ऐतिहासिक रिज मैदान में "एचआईवी" जागरूकता समारोह 13 दिसम्बर को

हिमाचल प्रदेश में एचआईवी के 8497 मामले पॉजीटिव, जिनमें से 3127 लोगों को एड्स

मुख्यमंत्री का समाज में एचआईवी/एड्स बारे जागरुकता उत्पन्न करने की आवश्यकता पर बल

मुख्यमंत्री ने ऑन-लाईन ब्लड बैंक सूचना प्रबन्धन प्रणाली का किया शुभारम्भ

राज्य सरकार एचआईवी/एड्स के रोगियों के उपचार को लेकर काफी गंभीर : कौल सिंह ठाकुर

मुख्यमंत्री का समाज में एचआईवी/एड्स बारे जागरुकता उत्पन्न करने की आवश्यकता पर बल

मुख्यमंत्री का समाज में एचआईवी/एड्स बारे जागरुकता उत्पन्न करने की आवश्यकता पर बल

शिमला : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यहां गत दिवस देर सायं राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी

राज्य सरकार एचआईवी/एड्स के रोगियों के उपचार को लेकर काफी गंभीर : कौल सिंह ठाकुर

राज्य सरकार एचआईवी/एड्स के रोगियों के उपचार को लेकर काफी गंभीर : कौल सिंह ठाकुर

द्वारा विधायी फोरम के लिए एचआईवी/एड्स पर आयोजित जागरूकता कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं जानलेवा बीमारी के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने में सहायक होती हैं। उन्होंने कहा कि विधायक आम जनता के बीच जागरूकता उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं तथा राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी द्वारा विधायकों को शामिल करने का यह एक सराहनीय प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा एचआईवी/एड्स पर जागरूकता फैलाने के तीव्र प्रयासों के बावजूद इस महामारी से जुड़ी गलत धारणाओं के चलते लोगों को एचआईवी/एड्स के बारे शिक्षित करने के प्रयास कहीं न कहीं प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग निवार्चित प्रतिनिधियों को अधिक संयम के साथ सुनते हैं, इसलिए वे आम जनता को एचआईवी/एड्स के कुप्रभावों को अच्छी तरह समझा सकते हैं

वीरभद्र सिंह ने कहा कि एक तरफ बीमारी का लांछन तथा भेदभाव लोगों को चिकित्सा सहायता एवं इससे जुड़ी जानकारी प्राप्त करने से दूर रखता है और दूसरी ओर व्यक्ति इस विश्वास के साथ जीता है कि उसे उन्हें संक्रमण नहीं हो सकता और व्यक्ति में बीमारी की वास्तविकता को स्वीकार न करने की प्रवृत्ति उत्पन्न हो जाती है। इस प्रकार की सभी भ्रांतियां विधायकों, स्वयं सेवी संगठनों तथा सरकारी एजेंसियों की सक्रिय सहभागिता से दूर की जा सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने महामारी के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के सरकार के प्रयासों को सांझा करने में समाज के सभी वर्गों के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि एचआईवी पर इस प्रकार की कार्यशालाएं परिसंवाद एवं संचार के मार्ग प्रशस्त करती हैं तथा परस्पर सम्बन्धों से समाज की सोच में परिवर्तन लाने में मददगार होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि विश्वभर में एचआईवी/एड्स के 3.40 करोड़ मामले हैं और अकेले भारत वर्ष में कुल 20.9 लाख मामले पॉजीटिव पाये गए हैं। जहां तक हिमाचल प्रदेश की बात है यहां एचआईवी के 8497 मामले पॉजीटिव पाये गए हैं, जिनमें से 3127 लोगों को एड्स है।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने ऑन-लाईन ब्लड बैंक सूचना प्रबन्धन प्रणाली का शुभारम्भ किया। इससे राज्य के विभिन्न ब्लड बैंकों में रक्त की उपलब्धता एवं इसकी ताजा स्थिति की ऑन लाईन जानकारी प्राप्त होगी और इससे मरीजों को आवश्यकता पर रक्त की व्यवस्था करने में मदद मिलेगी।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार एचआईवी/एड्स के रोगियों के उपचार को लेकर काफी गंभीर है और एआरटी केन्द्रों में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को केन्द्र तक आने व वापिस घर जाने का बस किराया प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस महामारी को लेकर हिमाचल प्रदेश की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है। उन्होंने कहा कि एचआईवी/एड्स के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए इसे जन आन्दोलन के तौर पर अपनाने की आवश्यकता है।

मुख्य संसदीय सचिव (स्वास्थ्य) नंद लाल ने स्वागत किया तथा एचआईवी/एड्स पर विस्तृत प्रस्तुति दी। निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डा. डी.एस. गुरुंग ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। वनमंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह, विधान सभा के उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी, समस्त मुख्य संसदीय सचिव, हि.प्र. राज्य विधानसभा के सदस्यगण, अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत चौधरी व पी.सी. धीमान, सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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