चुनावों को देखते आधी-अधूरी ओपीडी शुरू करके ही एम्स का उद्घाटन कर गए पीएम मोदीः अरूण शर्मा

पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार ने एम्स के लिए जमीन और अन्य जरूरी प्रक्रियां पूरी कीं
कांग्रेस सरकार को इसका श्रेय न मिले, इसलिए मोदी सरकार ने इसका देरी से किया शिलान्यास

शिमला: कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनावों के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम्स बिलासपुर में आधी आधूरी ओपीडी शुरू कर इसका उद्घाटन किया है। शिमला में एक प्रैस कांफ्रैंस में कांग्रेस शिमला शहरी जिला के पूर्व अध्यक्ष अरूण शर्मा ने कहा कि 750 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में अभी पूरी सुविधाएं भी नहीं है। लेकिन भाजपा सरकार ने पूरी सुविधाएं और सारी ओपीडी शुरू करवाए बिना ही इसका उद्घाटन कर डाला।
अरूण शर्मा ने भाजपा पर इसका श्रेय लेने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय में देश के हर राज्यों में एम्स, आईआईटी, आईआईएम जैसे बड़े संस्थानों को खोलने का फैसला लिया था। इसके चलते हिमाचल को यह एम्स मिला था। पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार की कैबिनेट ने एम्स का प्रस्ताव तैयार कर इसके लिए जमीन और अन्य जरूरी प्रक्रियां पूरी कीं। लेकिन साल 2014 में केंद्र में मनमोहन सरकार के बदलने के बाद आई मोदी सरकार ने इसके प्रस्ताव को जानबूझकर लेट किया ताकि कांग्रेस को इसका श्रेय न मिले। इसके बाद 2017 में जाकर एम्स का शिलान्यास किया और अभी इसमें सारी आपोडी और सभी विभाग शुरू नहीं किए।

अबकी बार भी मोदी ने किया निराश

अरूण शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हर बार की तरह अबकी बार भी हिमाचल वासियों को भाषणों का झूनझूना थमा गए। हिमाचल को अपना दूसरा घर बताने वाले नरेंद्र मोदी ने 70 हजार करोड़ के कर्ज से डूबे हिमाचल के लिए कोई आर्थिक पैकेज की घोषणा नहीं की। यही नहीं मंहगाई और बेरोजगारी से राहत देने के लिए भी मोदी ने कोई ऐलान भी नहीं किया। कर्मचारी ओपीएस की मांग कर रहे थे, लेकिन मोदी ने कर्मचारियों को भी निराश किया।

स्मार्ट सिटी का दावा करने वाली भाजपा ने आधारभूत सुविधाएं भी नहीं दीं

अरूण शर्मा ने कहा कि शिमला शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का दावा करने वाली भाजपा सरकार और इसका नगर निगम शिमला शहर के लोगो को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दे पाई। उन्होंने कहा कि शिमला शहर के लिए 2017 में भाजपा और स्थानीय विधायक एवं मंत्री सुरेश भारद्वाज ने एक घोषणा पत्र जारी किया था। इसमें शिमला शहर के लिए बड़े वादे किए गए थे। लेकिन हालात यह है कि इस साल के सर्वे में शिमला शहर अभी 56 वें स्थान पर आया है। 2900 करोड़ के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शिमला में 24 घंटें पानी देने की बात कही गई थी, लेकिन पांच-पांच दिनों तक भी शहर में लोगों को पानी नहीं मिल रहा। शिमला में ट्रांसपोर्टेशन, सीवरेज और सिस्टम ड्रैनेज को सुधारने के लिए भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए।
अरूण शर्मा ने कहा कि डबल इंजन सरकार शिमला और हिमाचल का विकास करवाने में विफल रही है। हिमाचल की जनता आने वाले चुनावों में भाजपा से जवाब मांगेगी

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